कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य
सचिवालय नवान्न घेराव को लेकर कोलकाता और हावड़ा में माकपा सहित वामपंथी संगठनों की
हिंसक रैली को नारकीय करार दिया।
माकपा को दिशाहीन और राजनीतिक
दिवालिया करार देते हुए उन्होंने तृणमूल छात्र परिषद को उक्त घटना दोबारा होने से
रोकने की जिम्मेदारी दी। तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर महानगर के
मेयो रोड पर शुक्रवार को आयोजित सभा में ममता ने कहा कि नवान्न घेराव के नाम पर
माकपा ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। यह नारकीय घटना है। माकपा का कोई आदर्श नहीं है।
कहीं पर उनका आदर्श पत्थर और कहीं पर बंदूक है। पार्टी राजनीतिक रूप से दिवालिया हो
गई है। इसलिए वह राजनीति के नाम पर गुंडागर्दी कर रही है। उन्होंने कहा कि गत
गुरूवार को हुई नारकीय घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सुनिश्चित करना छात्र-छात्राओं
की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वामपंथियों ने पुलिस पर ईंट औैर पत्थर
से हमला किया। फिर भी पुलिस ने नरमी बरती। हमने गोली चलाने को नहीं कहा, लेकिन
वाममोर्चा के शासनकाल में हमारे शान्ति अभियान पर गोली चलवाई गई थी। उन्होंने माकपा
को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला नहीं कर पाने पर हिंसा और
दंगा करने वालों को क्षमा नहीं किया जाएगा। सत्ता में आने के लिए राजनीति के नाम पर
तोड़फोड़ करनेवालों को बंगाल की जनता त्याग देगी। वे चाहे कुछ भी कर ले 3016 तक
बंगाल की सत्ता में नहीं आ पाएगी।
उन्होंने कहा कि विरोध करने का अर्थ
गुंडागर्दी करना नहीं है। जब हम विपक्ष में थे तो हम भी विरोध करते थे, लेकिन कभी
हिंसा नहीं फैलाई। इस मौके पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, शहरी विकास
मंत्री फिरहाद हकीम, सांसद शुभेन्दु अधिकारी, मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी
ने सभा को संबोधित किया।
लोग करेंगे बंद से
मुकाबला
मुख्यमंत्री ने कहा कि वामपंथी बात-बात पर कभी टैक्सी बंद तो कभी रास्ता
बंद कर रहे हैं। बंद करना विपक्ष का नाटक बन गया है। राज्य की जनता बंद का मुकाबला
करेगी। उन्होंने कहा कि माकपा और भाजपा गड़बड़ी फैलाने के लिए साजिश रच रही है,
लेकिन बंगाल की जनता माकपा और भाजपा के बंद और दंगा को स्वीकार नहीं करेगी।