scriptपहले पिता को शराब पिलाया, फिर जिंदा जला दिया | drink wine, then father burned alive in rajsamand | Patrika News

पहले पिता को शराब पिलाया, फिर जिंदा जला दिया

locationजयपुरPublished: Dec 01, 2015 03:39:00 pm

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राजसमंद में राख के साथ मिले अधजले अंग का मामला

राजसमंद. पिता की गाली गलोच व मारपीट से परेशान होकर बेटे ने ही पिता को पहले अत्यधिक शराब पिलाकर निढाल किया और बाद में लकडिय़ों के ढेर पर सुलाकर जिंदा जला डाला। घर के बाहर राख में अधजले अंग मिलने के बाद सनसन फैल गई, मगर राजनगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पर्दाफाश कर आरोपित बेटे को गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रतनू ने बताया कि टुकड़ा खुर्द (सुंदरचा) निवासी उमा उर्फ ढुमा (55) पुत्र काना भील के घर के बाहर राख के साथ अधजले अंग मिले और ढुमा घर से गायब मिला। गठित पुलिस दल ने हत्या कर उसे जलाने की शंका पर उसके बेटे गोपाल भील को ही हिरासत में ले लिया। पहले तो आरोपित काफी टालमटोल करता रहा, मगर पुलिस की सख्ती पर टूट गई और पिता ढुमा की हत्या करना कबूल कर लिया। पुलिस पूछताछ में कबूला कि पिता आए दिन शराब पीकर उसे गाली गलोच कर मारपीट करता। इसलिए 27 नवंबर शाम को पिता अकेले होने का फायदा उठाते हुए शराब लेकर आया अत्यधिक शराब पिलाई। धक्का देकर नीचे पटका, जिससे ढुमा बेहोश हो गया। घर के बगल में ही लकडिय़ों को ढेर लगा बेसुध हालत में पिता को सुला दिया और केरोसिन छिड़कर आग लगा दी। बाद में घर की जलाऊ लकड़ी भी उसके ऊपर डाल दी। बेहोशी हालत में ही पिता को जिंदा जला दिया। घटना के बाद आरोपित गोपाल रात को ही चारभुजा के पास कुडिय़ा में उसकी बहन के घर चला गया, जहां 28 नवंबर दोपहर को वापस घर लौट गया। तब तक घर के बाहर राख में अधजले अंग मिलने की खबर चौतरफा फैल गई, मगर आरोपित गोपाल ने मां व बहनों के समक्ष वारदात कबूल कर माफी मांगी। इस पर आरोपित के साथ परिजन भी मामले को रफा- दफा करने में जुट गए, मगर तब तक ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। अब मंगलवार को आरोपित गोपाल को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस दल ने रातभर की पड़ताल
डीएसपी माधुरी वर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी विवेकसिंह राव, एएसआई गोवर्धनसिंह, हालसिंह, रामसिंह, हैड कांस्टेबल गोविन्दसिंह, महावीरसिंह, राजेन्द्रसिंह व दिनेश द्वारा घटना के बाद बारीकी से गहन जांच की गई। उदयपुर से एफएसल मोबाइल दल द्वारा भी साक्ष्य जुटाकर मदद ली गई। फिर परिजनों के साथ ही गांव के लोगों से रातभर पुलिस पूछताछ करती रही और आखिर तीसरे दिन वारदात का राजफाश हो ही गया।
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