कोलकाता. महानगर और आसपास अज्ञात बुखार, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने से नाराज शहरी विकास विभाग ने विधाननगर नगर निगम तथा छह पालिकाओं को खत लिखकर कारण पूछा है। विभाग ने पूछा है कि सारी कवायदों के बावजूद मच्छर जनित बीमारियां कैसे पैर पसार रही हैं।
साल भर पहले से ही मच्छरों से बचाव के लिए प्रयास करने को कहा गया था। कदम उठाए जाने के बावजूद साल्टलेक में एक जने की मौत डेंगू से हो गई। निगम की ओर से रास्तों में भले ही दवाओं का छिड़काव किया गया, पर सरकारी कार्यालयों में कदम नहीं उठाया गया। कई सारे मैदानों में बरसात के बाद मच्छर पनप रहे हैं। जगह-जगह निर्माण कार्य और बदहाल रास्तों में जमा बरसात के पानी में मच्छर पनप रहे हैं।
दावा पिछली बार से हालात बेहतर
दूसरी तरफ निगम का दावा है कि पिछली बार से स्थिति काफी बेहतर है। 2016 के जून तक 1100 जने बुखार से पीडि़त हुए थे। इनमें 118 लोगों को डेंगू हुआ था। 15 लोगों की मौत हो गई है। इस साल 1050 लोग बुखार से पीडि़त हुए। इनमें छह लोगों को डेंगू हुआ है और एक की मृत्यु हुई है। इस पर भी काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। शहरी विकास विभाग ने सभी निकायों को पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा है।
एक नजर में
जून, 2016 तक
1100 को बुखार,
118 को डेंगू
15 की मौत
2017 में अब तक
1050 को बुखार
6 को डेंगू
1 की मौत
डेंगू से प्रभावित इलाके
साल्टलेक के दत्ताबाद, एफडी ब्लाक, सुकान्त नगर, एडी ब्लाक, बीजे ब्लाक