कोटा। आरटीई के तहत प्रवेश
देने वाले जिले के करीब 90 निजी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को अब तक क्लेम बिल
प्रस्तुत नहीं किया। इससे इनका भुगतान अटक सकता है। जिले में 454 स्कूलों ने आरटीई
के तहत प्रवेशित बच्चों का सत्यापन कार्य करवाया।
इनमें से 364 ने भुगतान
प्रक्रिया को अपनाया, शेष्ा 90 स्कूलों ने अभी तक क्लेम बिल प्रस्तुत नहीं किए,
जबकि इन्हें क्लेम बिल को हस्ताक्षरित कर रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा कार्यालय को
प्रेçष्ात करना था। उस रजिस्टर्ड क्रमांक को अपने पोर्टल पर दर्ज करना
था।
13 ने तो सत्यापन ही नहीं करवाया
आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों का
जिले के 13 स्कूलों ने अभी तक सत्यापन कार्य नहीं करवाया न ही पोर्टल पर सूचना
फीडिंग का कार्य किया, जबकि पूरा सत्र बीत चुका है। इससे शिक्षा विभाग को भुगतान
प्रक्रिया में परेशानी हो रही है।
फीडिंग कार्य भी सही नहीं
बेहतर
कम्प्यूटर शिक्षा का दावा करने वाले निजी विद्यालय भी आरटीई पोर्टल पर फीस विवरण
प्रविष्ट नहीं कर पा रहे। पांच सौ स्कूलों में से सौ ने ही पोर्टल पर फीडिंग कार्य
सही किया। शेष्ा ने आधी-अधूरी प्रक्रिया अपनाई। इससे शिक्षा विभाग को काफी मशक्कत
करनी पड़ रही है। बार-बार चेतावनी के बावजूद वह कार्य नहीं कर पा रहे। इसे करने की
अंतिम तिथि 20 मार्च थी, लेकिन विभाग ने 25 मार्च तक कार्य पूरा कर क्लेम बिल
शिक्षा विभाग कार्यालय को प्रस्तुत करने की छूट दी है।
जिन निजी स्कूलों ने
अभी तक क्लेम बिल प्रस्तुत नहीं किए। वह 25 मार्च तक बिल को हस्ताक्षरित कर
रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा शिक्षा विभाग कार्यालय को प्रेçष्ात करें, नहीं तो पुनर्भरण
की राशि नहीं दी जाएगी। दौलत गौठानिया, प्रभारी, आईसीटी सेल माध्म.