ग्वालियर। निजी स्कूलों में चलाई जा रहीं निजी प्रकाशकों की किताब और एनसीईआरटी की पुस्तकों के दामों में बड़ा अंतर होने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। कलेक्टर ने विगत दिनों पुस्तक विक्रेताओं से निजी प्रकाशक और एनसीईआरटी की पुस्तकों के दामों में अंतर की सूची उपलब्ध कराने को कहा था, जबकि यह अंतर साफ दिखाई दे रहा है इसके बावजूद कलेक्टर ने इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया।
कलेक्टर ने मांगी थी सूची
सीबीएसई स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें चलाए जाने से पुस्तक विक्रेताओं का व्यवसाय चौपट हो गया। इसको लेकर विक्टोरिया मार्केट पुस्तक विक्रेता संघ लगभग एक माह पहले कलेक्टर से मिला और स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही चलाए जाने की मांग की, लेकिन कलेक्टर ने सभी को कहा कि वह दामों में अंतर की सूची उपलब्ध कराएं तभी वह कार्रवाई करेंगे। इसको लेकर पत्रिका ने अगले दिन ही खबर प्रकाशित कर एनसीईआरटी और निजी प्रकाशकों की पुस्तकों में अंतर को स्पष्ट किया था। यहां तक कि प्रशासन चाहे तो वह भी आसानी से अंतर का पता कर सकता है। बावजूद इसके प्रशासन ने अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की।
स्कूल संचालकों ने नहीं दी सूची
विक्टोरिया मार्केट के पुस्तक विक्रेताओं ने स्कूल प्रबध्ंान से निजी प्रकाशकों की सूची उलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन किसी भी स्कूल ने सूची नहीं दी। यहां तक कि व्रिकेताओं ने स्कूल द्वारा चयनित दुकानों से भी सूची मांगी उन्होंने भी सूची उपलब्ध नहीं कराई।
इनका कहना
निजी प्रकाशकों की किताब और एनसीईआरटी के दामों में अंतर साफ दिखाई दे रहा है। फिर भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। स्कूल प्रबंधन से किताबों की सूची मांगी थी, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया।
गोपाल गुप्ता, अध्यक्ष विक्टोरिया मार्केट पुस्तक विक्रेता संघ