लोग कैशलेस पेमेंट की ओर बढ़ रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कुछ किमी दूर बड़झिरी गांव है।
भोपाल। 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद देश भर के एटीएम और बैंकों में लंबी कतार देखने को मिल रही है। लेकिन अगर आप रेस्ट्रों या मॉल में जाएं तो वो बिल्कुल खाली पड़े हैं। हालत ये हैं कि अगर आप के जेब में छुट्टा कैश न हो तो खाने तक के लाले पड़ जाएं। लेकिन अब आप बिना कैश के ही ऐश कर सकते हैं। नोटबंदी के फैसले के बाद से डिजिटल पेमेंट कंपनियों के बागों में बहार है। लोग कैशलेस पेमेंट की ओर बढ़ रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कुछ किमी दूर बड़झिरी गांव है। बड़झिरी प्रदेश का पहला कैशलेस गांव है और लोग यहां पर आसानी से कैशलेस व्यवस्था को अपनाना शुरू भी कर चुके हैं।
नोटबंदी के बाद सरकार जिस तरह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है, उसका असर दिखने भी लगा है। पिछले 1 महीने में ही डिजिटल पेमेंट में कई गुना का उछाल आया है और इसका सबसे ज्यादा फायदा ई-वॉलेट कंपनियों को हो रहा है। नोटबंदी के बाद एटीएम और बैंकों के बाहर की कतारें आम हो चली हैं। हालांकि मध्य प्रदेश में काफी हद तक कैशलेस होने के बाद आ रही दिक्कतें दूर हो चुकी हैं, वहीं लोग कैशलेस व्यवस्था को पसंद भी कर रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण या कहें कि एक फायदा ये हो रहा है कि लोग डिजिटिल पेमेंट पर जोर दे रहे हैं। नोटबंदी के बाद 1 महीने में डिजिटल पेमेंट 6 गुना तक बढ़ गया है।
500 फीसदी बढ़ा लेनदेन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान रुपे कार्ड से लेनदेन 500 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। वहीं ई-वॉलेट से पेमेंट भी करीब 3 गुना हो गया है। इस दौरान यूपीआई से 15 करोड़ रुपये की लेनदेन हुआ जो 1 महीने पहले 2 करोड़ रुपये से भी कम था। वहीं यूएसएसडी से लेनदेन भी तेजी से बढ़ रहा है।
प्वाइंट ऑफ सेल यानी पीओएस से शॉपिंग के लिए पेमेंट में भी 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। जानकारों का मानना है कि आगे डिजिटल पेमेंट की रफ्तार और बढ़ेगी।
सुलझ जाएंगे थोड़े बहुत खतरे
हालांकि कई जानकार डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा के खतरों को बहुत बड़ी बाधा मानते हैं। लेकिन सरकार और कंपनियों का कहना है कि डिजिटल पेमेंट पूरी तरह सुरक्षित हैं। अगर थोड़े बहुत खतरे हैं तो उन्हें सुलझा लिया जाएगा।
नोटबंदी के बाद सरकार भी डिजिटल पेमेंट को जमकर बढ़ावा दे रही है और अगर ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाते हैं तो इकोनॉमी को फायदा होगा।