एक डॉक्टर, एक बिल्डर और तीन बिजनेसमैनस ने 11 करोड़ 11 लाख 11 हजार 11 सौ 11 रुपये दान के रूप में दिए।
मुंबई। जैन समुदाय के 5 लोगों ने अपने एक संत के अंतिम संस्कार के लिए 11 करोड़ रुपये दिए। रविवार की सुबह संत का निधन हो गया था। पहले भी जैन समुदाय के लोग अपने संतों के अंतिम संस्कार के लिए अच्छी-खासी रकम देते आए हैं, लेकिन रविवार को दिए गए रुपये ने पहले के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वृद्ध अवस्था में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों की वजह से जैन संत प्रेमसूरजीस्वाजी का निधन हुआ, वे 97 साल के थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई परिवारों को शांति की शिक्षा दी। जैन समुदाय अपने संतों की अंतिम विदाई को एक महान अवसर के रूप में मनाता है। अंतिम विदाई के समय में इकट्ठा हुए रुपये का इस्तेमाल जैन समुदाय धार्मिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है। संत की लिए अंतिम प्रार्थना की शुरुआत शाम 4.30 बजे शुरू हुई थी। इससे पहले भी जुलाई में जैन समुदाय के संत मदविजय की मध्य प्रदेश में अंतिम विदाई के समय 7 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे।
300 किलो लाई गई चंदन की लकड़ी
रविवार को वाल्केश्व स्थित बाबू पन्नालाल जैन मंदिर में सिर्फ 3 घंटे में पांच लोगों ने दिए 11 करोड़ रुपये दिए। एक डॉक्टर, एक बिल्डर और तीन बिजनेसमैनस ने 11 करोड़ 11 लाख 11 हजार 11 सौ 11 रुपये दान के रूप में दिए। दरअसल, जैन मुनि के अंतिम संस्कार के सभी रीति रिवाजों को पूरा करने के लिए बोली लगाई जाती है और समुदाय के लोग इसे पूरा करते हैं। संत की अंतिम यात्रा बाबू पन्नालाल जैन मंदिर से ही शुरू हुई थी। एक पालकी में संत की अंतिम यात्रा के लिए एक पालकी का इंतजाम किया गया था और साथ ही 300 किलो चंदन की लकड़ी लाई गई थी।