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भारतीय डाक से फल-फूल रहा ड्रग्स का कारोबार

locationमुंबईPublished: Jul 01, 2015 08:24:00 pm

कोरियर कंपनियों पर NCB की कार्रवाई के बीच डीलरों ने तस्करी के लिए अब भारतीय डाक सेवा को अपना हथियार बना लिया

Courier Services

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मुंबई। जांच किए बिना ही पार्सल पहुंचाने वाली कुछ कोरियर कंपनियों पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कार्रवाई के बीच मादक पदार्थ तस्करों और इसके डीलरों ने इसकी तस्करी के लिए अब भारतीय डाक सेवा को अपना हथियार बनाना शुरू कर दिया है। पहचान जाहिर न किए जाने के अनुरोध पर एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ समय से ऎसा रूझान दिख रहा है कि तस्कर और डीलर डाक घरों के माध्यम से मादक पदार्थ भेजने लगे हैं। एनसीबी पहले ही डाक विभाग को मादक पदार्थ तस्करों द्वारा उसकी सेवा के दुरूपयोग के बारे में अवगत कराते हुए सेवा का गलत इस्तेमाल करने वालों का पता लगाने के लिए एक ठोस तंत्र विकसित करने का अनुरोध कर चुका है।

केवाईसी मानदंडों का नहीं करती पालन
कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नजर से बचने के लिए डीलर भारी मात्रा में मादक पदार्थ मुंबई लाते हैं और फिर इसे ईएमएस स्पीड पोस्ट के जरिए अन्य जगहों पर भेज देते हैं। एनसीबी पहले ही डाक विभाग को मादक पदार्थ तस्करों द्वारा उसकी सेवा के दुरूपयोग के बारे में अवगत कराते हुए सेवा का गलत इस्तेमाल करने वालों का पता लगाने के लिए एक ठोस तंत्र विकसित करने का अनुरोध कर चुका है। अधिकारी ने बताया कि तरीके बदलने का मुख्य कारण यह है कि निजी कोरियर कंपनियों के विपरीत डाक सेवा ग्राह को जानिए (केवाईसी) मानदंडों का कड़ाई से पालन नहीं करती।

निजी कंपनियां नियमों का करती हैं पालन
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा ये नीजी कंपनियां बेहद कड़ाई से इन नियमों का पालन करती हैं। उन्होंने बताया कि ईएमएस (इमरजेंसी मेल सर्विस) 88 देशों को सीधे रूप से अपनी सेवा प्रदान करती है और बई अन्य जगहों के लिए वह वर्ल्ड-वाइड नेटवर्क का इस्तेमाल करती है। एनसीबी के अधिकारी ने आगे कहा कि ऎसे भी मामले आए हैं कि ईएमएस से वल्र्ड वाइड नेटवर्क को पार्सल के स्थानांतरण के बाद प्रतिबंधित सामग्री का पता चला।
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