आईबी के इनपुट पर 3 दिन पहले ही एक सीक्रेट पत्र सिक्योरिटी डायरेक्टर (मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे) ने भी अपने विभाग को देकर एलर्ट कर दिया था।
मुंबई। सन् 1993 के मुंबई बम धमाकों में मारे गए निर्दोष
257 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन को गुरूवार को नागपुर
की केंद्रीय जेल में फांसी पर लटका दिया गया और उसके शव को मुंबई मरीन लाइन के बड़ी
कब्रिस्तान में दफना भी दिया गया, लेकिन यह गम पाकिस्तान द्वारा पाले गए
आंतकवादियों को हजम नहीं हो रहा है। पाकिस्तान द्वारा पाले गए आंतकवादी संगठन ने
याकूब के शव यात्रा, जो मुंबई पुलिस ने नकार दी थी, की आड़ में मुंबई में धमाका
करना चाह रहे थे। आईबी के इनपुट पर 3 दिन पहले ही एक सीक्रेट पत्र सिक्योरिटी
डायरेक्टर (मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे) ने भी अपने विभाग को देकर एलर्ट कर दिया था।
पाली हिल व जोगेश्वरी में भी खतरा
मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय
खूफिया एजेंसी को जो इनपुट मिले हैं, उसके मुताबिक आंतकवादियों के निशाने पर मुंबई
के जुहू का हरे रामा हरे कृष्णा (इस्कॉन मंदिर), मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पाली
हिल का इलाका, जोगेश्वरी का संवेदनशील इलाका था। आईबी ने उस आंतकवादी संगठन का नाम
नहीं लिया है, लेकिन यह तय है कि यह संगठन खूफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा संचालित
किया जाता है। आईबी ने यह भी सूचना दी थी कि आंतकवादियों का यह वही संगठन है, जिसने
18 जुलाई को हैदराबाद में भी धमाका करने की योजना बनाई थी।
स्लीपर सेल की
देखरेख में रहे कई स्टेशन
आईबी को इनपुट मिलने के बाद से ही मुंबई पुलिस ने
मुंबई में सुरक्षा का जाल फैला दिया था। खुद मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने
सुरक्षा की कमान संभाली थी तो वह याकूब के शव यात्रा के लिए नहीं, बल्कि मुंबई में
होने वाले आंतकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए। ज्ञात हो कि इसके पहले भी
लश्कर-ए-तैयबा आंतकवादी संगठन के लोग अंधेरी रेलवे स्टेशन, दादर के अलावा कई स्टेशन
भी हमेशा स्लीपर सेल के देखरेख में रहा है।