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महाराष्ट्र में अब दूध होगा सस्ता

locationमुंबईPublished: May 22, 2015 08:52:00 pm

राज्य सरकार ने दूध वितरक कंपनियों को दो से पांच रूपए दूध की कीमत कम करने का निर्देश दिया है

Milk rate cut in maharashtra

Milk rate cut in maharashtra

मुंबई। दूध ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने दूध वितरक कंपनियों को दो से पांच रूपए दूध की कीमत कम करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को राज्य के दुग्ध व विकास मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा कि मैंने दूध को-ऑपरेटिव सोसायटियों और वितरकों से कहा है कि मौजूदा दूध की कीमतों में दो से पांच रूपए की कमी की जाए।

धनंजय मुंडे ने उठाया था सवाल
दरअसल, शिकायत मिली थी कि दूध वितरक कंपनियां जिस भाव में दूध की खरीदी कर रही हैं, उससे दोगुने कीमत में जनता को दूध बेच रही हैं। दूध वितरक किसानों से 14 से 16 रूपए के बीच में दूध खरीद रहे हैं, जबकि बाजार में 40 से 60 रूपए में बेच रहे हैं। पिछले बजट सत्र में दूध की गिरती कीमत को लेकर विधान परिषद में विरोधी पक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने सवाल उठाया था।

होगी फौजदारी की कार्रवाई
खड़से ने कहा कि किसानों से दूध की खरीदी की कीमत को तय करने के लिए सरकार अध्यादेश भी लाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मौजूदा निर्धारित दर से कम दर पर किसानों से दूध खरीदने वाली दूध संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो लोग 20 रूपए से कम कीमत पर किसानों से दूध की खरीदी करेंगे, उनके खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज किया जाएगा। आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने दावा किया है कि दूध वितरक दूध की कीमत कम करने के लिए तैयार हैं।

भूमि अधिग्रहण : 5 गुना मुआवजा
केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मचे बवाल के बीच फडनवीस सरकार ने महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण के लिए नया मानक तैयार किया है। राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने बताया कि शहरी इलाकों में रेडीरेकनर का दर के ढाई गुना और ग्रामीण इलाकों में रेडीरेकनर के दर का पांच गुना मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए यदि ग्रामीण इलाके में जमीन की बाजार में कीमत 100 रूपए है तो इसके लिए मुआवजा दो गुना यानि 200 रूपए दिया जाएगा। साथ ही 100 फीसदी स्वेच्छा रकम यानि 200 रूपये और दिए जाएंगे। इसके अलावा मोलभाव में 25 फीसदी अतिरिक्त रकम प्रदान की जाएगी। इस तरह ग्रामीण इलाकों में बाजार भाव से पांच गुना अधिक मुआवजा मिल सकेगा। वहीं शहरी क्षेत्रों में बाजार भाव से ढाई गुना अधिक मुआवजे के रूप में मिल सकेगा। सरकार ने इस बाबत 12 मई को शासनादेश भी जारी किया है।
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