अब नई शिक्षा नीति बनाने की कवायद
शिक्षा नीति में सुधार करने के
लिए सरकार ने आमजन सहित शिक्षाविदों से सुझाव मांगे हैं। सरकार
पाली। शिक्षा नीति में सुधार करने के लिए सरकार ने आमजन सहित शिक्षाविदों से सुझाव मांगे हैं। सरकार का मानना है वर्तमान में चल रही शिक्षा नीति में कुछेक खामियां हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए नई शिक्षा नीति बनाई जाएगी। इसमें शिक्षा के सुधार, गुणवत्ता व शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
18 तक रख सकेंगे अपनी राय
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने वर्तमान में प्रचलित शिक्षा नीति 1992 में संशोधन के लिए सुझाव मांगे हैं। सुझाव शिक्षाविद्, श्ौक्षणिक संस्थाओं, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षा के क्षेत्र में रूचि रखने वाले आम नागरिकों से मांगे गए हैं। ये सुझाव 18 मार्च तक मांगे गए हैं।
23 साल पुरानी है शिक्षा नीति
वर्तमान में प्रचलित शिक्षा नीति 1992 की ही चल रही है, जबकि इन 23 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव आए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, जिसमें 1992 में संशोधन किया गया।
ये आ रहे हैं सुझाव
शिक्षाविद्ों का कहना है कि शिक्षा नीति बहुत पुरानी हो गई है। इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। इसके लिए लोग अपने सुझाव भेज रहे हैं। इनमें स्थानान्तरण नीति नहीं होना, पाठयक्रम एक सा नहीं, निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों के पाठयक्रम में अंतर है आदि सुझाव प्रमुख रूप से दिए जा रहे हैं।
सभी को मिलेगा लाभ
नई शिक्षा नीति के संबंध में निदेशक ने सुझाव आमंत्रित किए हैं। सुझाव तैयार कर रहे हैं। शिक्षा नीति बनने से विद्यार्थियों और शिक्षकों को लाभ मिलेगा। नूतनबाला कपिला, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा, पाली