नन्हे हाथों में कलम नहीं, जल के लिए संघर्ष
सिरोहीPublished: Mar 27, 2015 11:31:00 pm
शहर के समीप बसी
ओडबस्ती में इन दिनों भारी पेयजल संकट है।एक हैंडपम्प के सहारे दर्जनों परिवार सुबह
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सिरोही।शहर के समीप बसी ओडबस्ती में इन दिनों भारी पेयजल संकट है।एक हैंडपम्प के सहारे दर्जनों परिवार सुबह से शाम तक हलक तर करने की जुगत करते हैं।परन्तु यहां तीन में से एक ही हैंडपम्प में पानी आता है।वह भी बेहद कम। ऎसे में नन्हे बच्चे भी स्कूल छोड़कर दिनभर पानी भरने के लिए इस हैंडपम्प से संघर्ष करते हैं।
शहर से सटी है टांकरिया मोहल्ला ओड बस्ती परन्तु गर्मी की शुरूआत के साथ ही यहां पर पेयजल संकट की परेशानी मुंह बाए खड़ी है। एक हैंडपम्प में पानी बचा है, परन्तु वह बेहद कम है। महिलाएं और बच्चे दिनभर इस हैंडपम्प के सहारे पानी भरने का जतन करते हैं।अन्य दो हैंडपम्पों का दम सरकारी दावों की तरह टूटा हुआ है। इस बस्ती में अधिकांश गरीब तबके के लोग हैं। ऎसे में मांग, शिकायतऔर ज्ञापन की भाषा भी नहीं समझते और लम्बे समय से परेशानी भुगत रहे हैं।
कुछ ही जाते हैं स्कूल
ओडों का वास निवासी पुखराज बताते हैं कि यहां करीब 70 घरों की बस्ती है।पास में स्कूल तो है, परन्तु ज्यादातर बच्चे नहीं जाते।हैंडपम्प में पानी कम आता है।बच्चे इसे चलाकर घड़ा या बर्तन भर देते हैं और परिजन आकर उसे ले जाते हैं। मटका भरने आईचम्पादेवी ने बताया कि पानी के लिए बहुत समय खराब होता हैऔर अब यहां पानी बेहद कम हो चला है। ऎसे में हैंडपम्प को काफी देर चलाने पर एक मटका पानी नसीब हो पात है।
टैंकर जैसी सुविधाओं के सवाल पर उसने किसी भी टैंकर के आने से इनकार किया।यहीं के बुजुर्ग हरजीराम का कहना हैकि पानी की समस्या हर बार वोट मांगने आने वालों को बताते हैं परन्तु कोई सुनवाई नहीं होती। अब गर्मी शुरू हुई है और पेयजल का संकट भी।