बोर्ड पदाधिकारियों के नामों पर चर्चा शुरू
सूरतPublished: Nov 23, 2015 11:46:00 pm
मनपा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को जिला पंचायत चुनाव में लगा दिया गया है, लेकिन शहर के
सूरत।मनपा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को जिला पंचायत चुनाव में लगा दिया गया है, लेकिन शहर के कार्यकर्ता मतों की गिनती से पहले बोर्ड गठन में पदाधिकारियों के नाम पर चर्चा शुरू कर चुके हैं। पार्टी ने पिछले बार के कई बड़े नामों को इस बार मैदान में नहीं उतारा, लेकिन कुछ पुराने कार्यकर्ताओं को दोबारा लाकर उनके पदाधिकारी बनने की संभावना पर चर्चा तेज कर दी है।
मनपा चुनाव में इस बार परिणाम को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में खास चर्चा नहीं हो रही है, कार्यकर्ता वोटिंग ट्रेंड के आधार पर यह अनुमान लगा रहे हैं कि उधना-लिंबायत के साथ वराछा, करंज, कतारगाम, पूणा आदि क्षेत्रों में पैनल को कुछ नुकसान हो सकता है, पर पैनल साफ होगा, ऐसा नहीं लगता। पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव में यदि पाटीदार इफैक्ट होता तो पाटीदार बाहुल्य क्षेत्रों में बम्पर मतदान होता, जो नहंीं हुआ।
इससे साफ होता है कि पाटीदार आरक्षण इस बार सूरत मनपा चुनाव में मुद्दा नहीं बना। जानकार बताते हैं कि पाटीदारों की कम वोटिंग के दो कारण बनते हैं। एक तो वेकेशन के कारण लोगों का घूमने निकल जाना तो दूसरा सौराष्ट्र में लोगों का अपने मूल गांव के चुनाव में भाग लेने एवं शादी आदि में शामिल होने की वजह से शहर से बाहर चले जाना। इसका असर यह हुआ कि सूरत मनपा चुनाव में पाटीदार बाहुल्य क्षेत्रों में मतदान कम हुआ।
इस आधार पर भाजपा का शीर्ष नेेतृत्व भी सूरत में खास नुकसान होने की बात को नकार देता है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने तो आंकड़ा सौ के पार होने का दावा भी शुरू कर दिया है। वरिष्ठ नेताओं के इस तरह के बयान के बाद बोर्ड के पदाधिकारियों के नामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस बार मनपा चुनाव में निर्वतमान महापौर निरंजन झांझमेरा, पूर्व महापौर राजू देसाई, निर्वतमान नेता शासक पक्ष किशोर बिंदल समेत अन्य कई सीनियर पार्षदों को टिकट नहीं मिले या उन्होंने टिकट की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था। इन नेताओं को जहां संगठन में जगह मिलने की उम्मीद है, वहीं जिन सीनियर पार्षदों ने चुनाव लड़ा है, वह खुद को पदाधिकारियों की दौड़ में गिनने लगे हैं।
महापौर सीट पर नजर
भाजपा में इस बार महापौर को लेकर कुछ नाम ही रेस में होंगे। महापौर की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित होने से भी कई महिला पार्षद दौड़ में होंगी। दूसरे पदाधिकारियों के पद के लिए पुराने वरिष्ठ पार्षदों के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें डॉ. जगदीश पटेल, शंकर चेवली, नीरव शाह, मुकेश दलाल, रूपल शाह, दर्शिनी कोठिया, विनू मोरडिया, दयाशंकर सिंह, डॉ. रविन्द्र पाटिल, राजेश देसाई समेत निर्विरोध जीतने वाली उर्वशी रामीमाली शामिल हैं।