scriptमनपा स्टॉलों के खाली रहने में फायर विभाग जिम्मेदार | Mnpa empty stalls in the Fire Department responsible | Patrika News

मनपा स्टॉलों के खाली रहने में फायर विभाग जिम्मेदार

locationसूरतPublished: Oct 26, 2016 12:25:00 am

किसी अनहोनी को टालने के लिए पटाखों की दुकानें शहर की आबादी से दूर खोलने में खुद पालिका का फायर

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सूरत।किसी अनहोनी को टालने के लिए पटाखों की दुकानें शहर की आबादी से दूर खोलने में खुद पालिका का फायर विभाग रुचि नहीं लेता। लाखों रुपए खर्च कर हर साल मनपा के पार्टी प्लॉट्स में पटाखों के स्टॉल तो लगा दिए जाते हैं, लेकिन इनके आवंटन में मनपा ही रुचि नहीं लेती। इन स्टॉल के पास ही कोई पटाखों की निजी दुकान खोलना चाहे तो उसे भी आंखें बंद कर अनुमति दे दी जाती है।

महानगर पालिका का फायर विभाग अपने स्टॉलों को विके्र्रताओं को देने में रुचि लेने के बजाए निजी पटाखा विक्रेताओं से अस्थाई दुकानें खुलवाना पसंद करता है। हर साल पालिका साढ़े चार सौ से पांच सौ निजी पटाखा विक्रेताओं को अस्थाई अनुमति की अनुशंसा करती है। यह अनुशंसा दिवाली के दो दिन बाद तक करीब 15 दिन की होती है। इस दौरान पटाखा विक्रेता करोड़ों रुपए का कारोबार करते हैं। पालिका भी हर साल सुरक्षा के तमाम उपायों के साथ खुले प्लॉट्स में पटाखों के चार सौ से पांच सौ स्टॉल खोलती है, लेकिन इनमें से अधिकांश खाली रह जाते हैं। इसकी बड़ी वजह इन स्टॉल के पास ही निजी पटाखा स्टॉल की अनुमति प्रदान करना है।

शहर में पटाखा कारोबार का सबसे बड़ा केन्द्र सेंट्रल जोन है, जहां 25 से 30 स्थाई दुकानें हैं। इन दुकानों को पांच साल का लाइसेंस मिला हुआ है। पालिका यहां सुरक्षा के उपाय जांचने के अलावा कुछ नहीं करती। इन बड़े विक्रेताओं की वजह से सेंट्रल जोन में पालिका ने एक भी पटाखा स्टॉल नहीं लगाया। पालिका अधिकारियों के अनुसार यदि इस क्षेत्र में स्टॉल लगा भी दिए जाएं तो कोई लेने नहीं आएगा। इसी तरह वराछा में पटाखों के कई बड़े विक्र्रेता हैं।

पालिका ने तीन जगह 52 स्टॉल लगाए हैं, लेकिन इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में निजी विक्रेताओं की अस्थाई दुकानों की अनुशंसा भी की गई। रांदेर में एक दर्जन से अधिक स्थाई दुकानों के बाद भी पालिका ने पांच जगह 205 स्टॉल लगाए हैं।

देर आयद दुरुस्त आयद

शहर में दीपावली से दो दिन पहले से बाद के पांच दिन तक अवकाश का माहौल रहता है। इस अवधि में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी जारी रहती है। इस दौरान कोई बड़ी घटना होने पर फायर विभाग को पानी की व्यवस्था के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़े, इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी किया है। फायर विभाग के अधिकारी के अनुसार सोमवार को इस संबंध में परिपत्र जारी कर सभी फायरकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। हरेक जोन में वाटर वक्र्स पर पानी के सात-सात टैंकर अनिवार्य रूप से रखने को कहा गया है। तीन जोन मजूरा, कतारगाम और भेस्तान में फायरकर्मियों से जेसीबी और बुलडोजर के अलावा आपातकालीन जरूरतों का स्टॉक तैयार कराया गया है।
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