958 करोड़ का बिजली खर्च घटाएगी सरकार
राज्य में पेयजल सप्लाई
के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पम्प हाऊस के विद्युत भार का खर्च कम
किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2014-15 में आया
उदयपुर। राज्य में पेयजल सप्लाई के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पम्प हाऊस के विद्युत भार का खर्च कम किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2014-15 में आया 958 करोड़ रूपए का खर्चा घटाने के लिए परियोजनाओं पर एस्को मॉडल अपनाने तथा 10 वर्ष पुराने छोटे पंपों की मोटरें बदलकर उनकी छीजत 30 से 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए सौर ऊर्जा तंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए विभाग की मंत्री किरण माहेश्वरी ने गुरूवार को जयपुर में अपने सचिवालय में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई।
माहेश्वरी ने कहा कि पुराने पंप, मोटरों से कम उत्पादन होने और उनका बिजली का खर्चा अधिक होने के कारण पूर्व में वर्ष 2013-14 में 876 करोड़ रूपए का राजकोष पर भार पड़ा था। पिछले वित्तीय वर्ष में यह खर्चा बढ़कर 958 करोड़ रूपए तक पहुंच गया। एस्को मॉडल व सौर ऊर्जा को प्रदेश में बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है। इसके लिए बैठक में आरईआईएल कम्पनी ने सौर ऊर्जा के लिए व ईईएसएल व किर्लोस्कर कम्पनी ने एस्को मॉडल को लेकर प्रजेन्टेशन दिए। बैठक में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव जेसी मोहन्ती, मुख्य अभियन्ता (मुख्यालय) सीएम चौहान, मुख्य अभियन्ता (ग्रामीण) उमेश घींगरा एवं विभाग के आला अधिकारियों ने राजस्थान इलेक्ट्रोनिक एवं इन्स्ट्रूमेन्टशन लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक एके जैन, केन्द्र सरकार के उपRम एनर्जी एफिशियेन्सी सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों से इस दिशा में चर्चा की।
लगाएंगे सौर ऊर्जा मशीनरी
मंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में विभाग के संचालित ऎसे पम्प हाउस, जिनकी क्षमता पांच किलोवाट से अधिक है, उन्हें सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि इस कार्य के प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं।
सुधरेंगे 10 वर्ष पुराने पंप
बैठक में तय किया गया कि विभाग के ऎसे पम्प हाऊस, जो 10 वर्ष से अधिक पुराने हैं और उनका विद्युत भार पांच करोड़ रूपए वार्षिक है। उनको एस्को मॉडल पर लगाकर पम्प बदलने का काम किया जाएगा। ंइससे विभाग को राजस्व भी मिलेगा। इसके लिए निविदा प्रपत्र व बेस लाइन डाटा तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।