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एलएलबी के साथ आरजेएस की पढ़ाई

locationउदयपुरPublished: Jul 07, 2015 02:41:00 am

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय
ने क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए बीए एलएलबी व एलएलबी के पाठ्यक्रम बदल
दिए हैं। नए पाठ्यक्रम की विशेषता

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उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय ने क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए बीए एलएलबी व एलएलबी के पाठ्यक्रम बदल दिए हैं। नए पाठ्यक्रम की विशेषता यह है कि एलएलबी के साथ ही विद्यार्थी की आरजेएस की तैयारी भी हो जाएगी। राजस्थान में पहली बार किसी विश्वविद्यालय ने इस प्रकार विधिक प्रतियोगी परीक्षा आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया है। सुविवि के लॉ कॉलेज में नए सत्र से पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम राजस्थान के सभी महाविद्यालयों से बिलकुल भिन्न होगा। पाठ्यक्रम में आरजेएस पैटर्न को ध्यान में रखते हुए हिंदी प्रश्न पत्र अनिवार्य किया गया है।

निर्णय लेखन, आरोप पत्र तैयार करने सहित पाठ्यक्रम में 15 नए एक्ट शामिल किए गए हैं। इन प्रारूपों से संबंधित प्रश्न आरजेएस की परीक्षा में पूछे जाते हैं। जानकारों के अनुसार यह बिन्दु एलएलबी पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होने के कारण विद्यार्थी विधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं। आरजेएस, एपीपी, एडीपी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को बड़े शहरों में जाकर मोटी फीस देकर कोचिंग करनी पड़ती है। कमजोर आर्थिक स्थति वाले विद्यार्थी कोचिंग नहीं कर पाने की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं में पीछे रह जाते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नियमित क्लास वाले विद्यार्थियों को अब कोचिंग की आवश्यकता नहीं रहेगी। पाठ्यक्रम में प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित सभी बिन्दु व तथ्य शमिल किए गए हैं।

इस तरह तैयार किया पाठ्यक्रम
विशेष पाठ्यक्रम के लिए एकेडमिक कौंसिल से अनुमति ली गई। प्राफेसर आनंद पालीवाल के निर्देशन में 5 विशेषज्ञों ने 6 महीने तक विधिक परीक्षाओं में पूछे जाने वाली सामग्री का अध्ययन किया। विधि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर पाठ्यक्रम को प्रतियोगिता आधारित बनाया गया।

पहली बार प्रतियोगिता आधारित पाठ्यक्रम
विधिक सेवाओं की तैयारी के लिए राज्य में पहली बार इस प्रकार का विधिक प्रतियोगिता आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया है। पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को कोचिंग से मुक्ति दिलाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल रहने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी।
प्रोफेसर आनंद पालीवाल, डीन लॉ कॉलेज सुविवि।

रोजगार वृद्धि की प्रभावी योजनाएं
सुविवि की ओर से रोजगार के अवसर में वृद्धि के लिए कई प्रभावी योजनाएं तैयार की गई हैं। एकेडमिक कौंसिल से अनुमति प्राप्त कर मापदंडों को ध्यान में रखते हुए एलएलबी के लिए विशेष पाठ्यक्रम बनाया है। यह पाठ्यक्रम विधि संकाय के विधार्थियों के लिए रोजगार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। प्रोफेसर आईवी. त्रिवेदी, कुलपति सुविवि।

मेडिकल की तर्ज पर संचालन
लॉ कॉलेज में अब मेडिकल की तर्ज पर विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी। बीए एलएलबी में विद्यार्थियों को इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। इंटर्नशिप के सौ अंक भी निर्घारित किए गए हैं। अभी एलएलबी करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री लेने के बाद इंटर्नशिप के लिए काफी दौड़ भाग करनी पड़ती है।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश व अधिवक्ता देंगे लेक्चर
पाठ्यक्रम में विशेष व्याख्यान माला संदर्भ भी शामिल किया है। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश व नामचीन अधिवक्ताओं को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए हर महीने विशेष व्याख्यान आयोजित कराने की योजना भी पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं मिलेगा प्रवेश
पाठ्यक्रम के उद्ेश्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर भी योजना तैयार की है। 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उपस्थिति बॉयोमेट्रिक मशीन के जरिए होगी। उपस्थिति प्रतिदिन सुविवि की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।

रमाकांत
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