scriptसाढ़े चार लाख खर्च कर अब गांववालों को पिला रहे पानी | Are now spending half a million villagers drink water | Patrika News

साढ़े चार लाख खर्च कर अब गांववालों को पिला रहे पानी

locationउज्जैनPublished: May 28, 2015 04:31:00 pm

पीएचई से जब आस पूरी नहीं हुई तो खुद हिम्मत दिखाई। साढ़े चार लाख की लागत
से दो टंकियों का निर्माण कराया और ग्रामीणों को पानी देना शुरू कर दिया।

electricity problem

electricity problem

उज्जैन
पीएचई से जब आस पूरी नहीं हुई तो खुद हिम्मत दिखाई। साढ़े चार लाख की लागत से दो टंकियों का निर्माण कराया और ग्रामीणों को पानी देना शुरू कर दिया। हम बात कर रहे हैं ताजपुर के ग्रामीणों की…
सिकंदर ने दान की जमीन
वर्ष 2000 में गांव के सरपंच बने सिंकदर खान ने सबसे पहले पानी की समस्या से निजात दिलाने का संकल्प लिया। गांव में ही अपनी जमीन दान कर यहां पानी की टंकी बनाने की ठान ली। वर्ष 2004 में नए ताजपुर और पुराने तापजुर में दो अलग अलग जगह 70-70 हजार लीटर की 4.50 लाख रुपए की लागत से स्वयं के खर्च पर टंकियों का निर्माण करवा दिया। टंकी बनने के साथ ही 1500 फीट दूर अपने खेत में लगे बोरवेल से पाइप लाइन बिछाई और गांव के 12 वार्डों तक अस्थाई पाइप लाइन डाल कर पानी पहुचाना शुरू कर दिया। आज भी खान इस टंकी को साल के नौ महीने एक दिन छोड़ कर भरते हैं। खान इस व्यवस्था पर 2500 रु. भी खुद वहन करते हैं।
परम्परा को कायम रखा
पाटीदार परिवार 50 साल से ताजपुर में पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहा है। गांव के नंदराम पाटीदार ने कई सालों तक अपने खेत में मुगल शासन के समय की करीब 700 साल पुरानी बावड़ी से गांव के लोगों को पानी पिलाया। इसके बाद इनकी दूसरी पीढ़ी अनोखी लाल पाटीदार ने इसे कायम रखा। आज भी पानी की समस्या को देखते हुए अनोखीलाल के बेटा ईश्वरलाल पाटीदार गांव के लोगों को पानी पिला रहे हैं। पाटीदार परिवार ने खुद के खर्च पर मोटर डाल बिजली विभाग से 2500 रुपए महीने का बिजली कनेक्शन लिया। बावड़ी के पास 5000 लीटर की टंकी रखवा दी। रोज रात दो घंटे और सुबह 10 से 4 बजे के बीच दो घंटे में मोटर चालू करते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो