उज्जैन. राजाधिराज महाकाल सोमवार को शाही ठाठ बाट के साथ सात अलग-अलग स्वरूप में प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण करेंगे। महाकाल की शाही सवारी के दर्शन के लिए नगर में करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सवारी में श्री महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में विराजित होंगे।
महाकाल के ये हैं सात स्वरूप
गरुड़ के रथ पर शिव तांडव, नंदी के रथ पर उमा महेश, रथ पर घटाटोप, रथ पर होलकर मुघौटा, रथ पर सप्तधान्य का मुघौटा व हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर और जिला प्रशासन की ओर शाही सवारी को लेकर सारी तैयारियां हो चुकी हंै।
सवारी मार्ग की सजावट
समिति ने सवारी मार्ग की सजावट करने वाले व्यापारियों के साथ बैठक कर सवारी मार्ग को लेकर चर्चा की। इसमें निर्देश दिए गए कि स्वागत मंच सवारी मार्ग के बीच में नहीं होना चाहिए। वहीं सिर्फ पालकी का ही स्वागत पुष्प हार से किया जाएगा। बैठक के बाद समिति ने सात किमी के सवारी मार्ग को सजाना शुरू कर दिया है।
ऐसे निकलेगी शाही सवारी
राजाधिराज महाकाल की पालकी शाम चार बजे महाकाल मंदिर के सभा मंडप में पूजन अर्चन कर नगर भ्रमण पर निकलेगी, जो रात 10 बजे शयन आरती के पूर्व महाकाल मंदिर पहुंच जाएगी। सभामंडप में पूजन के बाद चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में पालकी में विराजित होकर महाकाल मुख्य द्वार पर आएंगे। इसके बाद सवारी महाकाल घाटी, गुदरी चौराह, रामानुजकोट होते हुए शाम 5 बजे रामघाट पहुंचेगी।
शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक
मां शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद रामानुजकोट, कार्तिक चौक, खाती मंदिर कमरी मार्ग, कंठाल, सतीगेट, छत्रीचौक होते हुए सवारी गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां सिंधिया परिवार की ओर से बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी होते हुए रात 10 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेगी।