भगवान महाकालेश्वर के दरबार में दान राशि की गिनती में पारदर्शिता लाने के लिए नई पहल की जा रही है। आने वाले दिनों में राशि गणना के लिए कांच का कैबिन तैयार किया जाएगा।
उज्जैन. भगवान महाकालेश्वर के दरबार में आने वाली दान राशि की गिनती में पारदर्शिता लाने के लिए मंदिर समिति द्वारा नई पहल की जा रही है। आने वाले दिनों में राशि गणना के लिए कांच का कैबिन तैयार किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत करीब 4 से 5 लाख रुपए आएगी। कलेक्टर ने इसकी स्वीकृति भी दे दी है। एक-दो दिन में कैबिन बनाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
कांच का कैबिन तैयार किया जाएगा
पिछले दिनों महाकाल की दान पेटी से राशि चुराने वाली घटना के बाद मंदिर समिति अब इसमें पारदर्शिता लाने जा रही है। इसी शृंखला में कांच का कैबिन तैयार किया जाएगा, जिसे बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जाएगा। इसे पुराने सर्वर कक्ष के समीप स्थापित किया जाएगा। बैंक ऑफ इंडिया महाकाल शाखा के मैनेजर आरएस चौहान ने बताया कि यह कैबिन शीघ्र बनकर तैयार होगा। प्रशासक रजनीश कसेरा ने बताया दानपेटी से निकलने वाली राशि की गणना को पारदर्शी एवं सीसीटीवी कैमरों की जद में रख रिकॉर्डिंग व डाटा प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी अधिकारी वर्ग की रहेगी।
कुछ ऐसी रहेगी दान पेटियों की व्यवस्था
दान पेटियों में राशि डालने वाले स्थान के नीचे त्रिकोणाकार पट्टी लगी होगी, जिससे राशि डालते ही वह नीचे की तरफ गिर जाएगी। प्रत्येक दानपेटी का एक नंबर होगा तथा स्टॉक रजिस्टर रहेगा। अभी दानपेटी से राशि निकालकर जूट के बोरे में डालकर गणना कक्ष तक ले जाई जाती है। उस बोरे को सील्ड नहीं किया जाता है, जबकि सील्ड कर गणना कक्ष तक ले जाना चाहिए।
नवंबर में 43 लाख से अधिक आय
महाकाल की विभिन्न दान पेटियों से नवंबर माह में 43 लाख 59 हजार रुपए का दान प्राप्त हुआ है। मंदिर परिसर में 71 भेंट पेटियां हैं। इसी तरह 151 रुपए के रसीद काउंटर से नवंबर में 17 हजार 150 श्रद्धालुओं ने 151 की रसीद लेकर भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लिए हैं। इससे मंदिर प्रबंध समिति को 25 लाख 89 हजार 650 रुपए की आय हुई है। इसी तरह 01 से 6 दिसंबर तक 9 हजार 500 भक्तों ने दर्शन किए। रसीद से 3 लाख 77 हजार 500 रुपए की आय समिति को हुई है।