लड़कियों को न चाहते हुए भी करना होता है परंपरा का पालन
जब रिपोर्टर ने स्थानीय लड़कियों से बात की तो लड़कियों ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते। अगर इससे इनकार करते हैं तो परिवार वालों पर बीमारी का हमला होता या उनकी मौत भी हो सकती थी। इसलिए हमें डर कर करना पड़ता है। गांव की हर लड़की को ‘हईना’ के साथ सेक्स करना पड़ता है। यह अनिवार्य है।
ऐसे ही एक ‘हईना’ जिसका नाम अनिवा है, ने बताया कि जिन लड़कियों को साथ मैं सोया हूं उनमें से ज्यादातर स्कूल जाने वाली लड़कियां हैं। कुछ लड़कियां तो महज 12 और 13 साल की हैं लेकिन मैं प्राथमिकता ज्यादा उम्र की लड़कियों को देता हूं। सभी लड़कियां ‘हईना’ साथ आनंद का अनुभव करती हैं। उन्हें खुद पर गर्व होता है और वे लोगों से कहती हैं कि यह आदमी बिल्कुल रीयल है। मैं जानता हूं कि कैसे लड़कियों को खुश किया जाता है।
शादीशुदा औरतों के लिए भी अनिवार्य है यह प्रथा
ऐसा नहीं है कि यह प्रथा केवल कुंवारी लड़कियों के लिए ही है वरन जिन औरतों की शादी हो चुकी है उनके लिए भी है। उदाहरण के लिए यदि एक आदमी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को परंपरा के मुताबिक हईना के साथ सोना होगा। इसके बाद ही वह पति को दफना सकती है। यदि किसी महिला ने गर्भपात कराया है तो एक बार फिर से उसे यौन पवित्रता की जरूरत पड़ेगी और हईना के साथ शारीरिक संबंध बनाने होंगे।
हईना का होता है स्वयं का परिवार
सबसे खास बात यह है कि ‘हईना’ का अपना स्वयं का परिवार भी होता है। उसकी अपनी पत्नियां तथा बच्चे होते हैं और वो उसके काम के बारे में भी जानते हैं। अनिवा के अनुसार वह अब तक 104 औरतों और लड़कियों के साथ सो चुका है। हालांकि यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है क्योंकि उसे पूरी तरह से याद नहीं है।
एचआईवी तथा एड्स फैलने का है डर
जब रिपोर्टर ने एक हईना से पूछा कि क्या वो एचआईवी पीड़ित है तो उसने हां में जवाब दिया। उसने कहा, हां, मैं हूं लेकिन जिन लड़कियों के पिता हमें बुलाते हैं उन्हें इसके बारे में नहीं बताता हूं। बाद में उसने कहा कि अब वह पहले की तुलना में यौन शुद्धीकरण कम करता है। उसने कहा, ‘मैं अब भी इसलिए करता हूं क्योंकि रिवाज बचे हुए हैं। मैं अब इसे बंद करने जा रहा हूं।’