इस गांव को 15 ऐसी महिलाओं के रहने के लिए चुना गया, जिनके साथ स्थानीय ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था
उमोजा। क्या आपको लगता है कि बिना मर्दों का भी एक गांव हो सकता है। चलिए हम ही बता देते हैं। जी हां, बिल्कुल हो सकता है और है भी। बिना मर्दों का गांव है उमोजा। यहां पर केवल महिलाएं रहती है और मर्दों के आने पर पाबंदी है। केन्या के समबुरू इलाके में बसा यह गांव है उमोजा। बेहद खास मकसद से इस गांव की शुरूआत 1990 में हुई थी। पिछले 26 सालों से इस गांव में पुरुषों के लिए कोई जगह नहीं है।
सिंगल सेक्स कम्युनिटी वाला अकेला गांव
अफ्रीका में सिंगल-सेक्स कम्युनिटी वाला ये अकेला गांव है। यहां पुरुषों के रहने पर पाबंदी है। इस गांव को 15 ऐसी महिलाओं के रहने के लिए चुना गया, जिनके साथ स्थानीय ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था। इसके बाद ये गांव पुरुष प्रधान समाज में हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रहने का ठिकाना बन गया। इसके बाद से रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी तमाम हिंसा झेलनी वाली महिलाएं यहां रह रही हैं।
इस गांव की है अपनी वेबसाइट
राजधानी नैरोबी से 380 किमी दूरी पर समबुरू काउंटी में मौजूद इस गांव में इस वक्त करीब 250 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं। यहां रह रही महिलाएं हिंसा और परिवार में महिलाओं की आश्रितों वाली स्थिति के खिलाफ हैं। वो गांव में प्राइमरी स्कूल, कल्चरल सेंटर और सामबुरू नेशनल पार्क देखने आने वाले टूरिस्ट्स के लिए कैंपेन साइट चला रही हैं। इतना ही नहीं, वो गांव के फायदे के लिए पारंपरिक ज्वैलरी भी बनाकर बेचती हैं। इस गांव की अपनी वेबसाइट भी है।
गांव जाने वाले टूरिस्ट देते हैं एंट्री फी
गांव की महिलाओं को इन संस्थाओं के जरिए नियमित आमदनी होती है, जिससे उनकी कपड़े, खाने और रोजमर्रा की बाकी जरूरतें पूरी होती हैं। हालांकि, इनके खर्च बहुत सीमित हैं। गांव की मुखिया नदी के किनारे कैंपसाइट चलाती हैं, जहां सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स का ग्रुप रुकता है। सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स गांव भी देखने आते हैं। इनसे एंट्रेंस गेट पर गांव की महिलाओं द्वारा तय एंट्री फीस ली जाती है। गांव की महिलाओं को उम्मीद है कि यहां के क्राफ्ट सेंटर से टूरिस्ट्स एक दिन इनकी बनाई ज्वैलरी भी खरीदेंगे।