बापचा के ग्रामीण कई दिनों से बुखार तथा हाथ-पैर के दर्द से पीडि़त थे। अधिकांश घर में कोई न कोई बीमार था। बुधवार को गांव से ही स्वास्थ विभाग को सूचना मिली की लोगों को चिकनगुनिया हो गया है।
आगर-मालवा. बापचा के ग्रामीण कई दिनों से बुखार तथा हाथ-पैर के दर्द से पीडि़त थे। अधिकांश घर में कोई न कोई बीमार था। बुधवार को गांव से ही स्वास्थ विभाग को सूचना मिली की लोगों को चिकनगुनिया हो गया है। इस पर विभाग हरकत में आया और सुबह 9 बजे टीम गांव पहुंच गई। इसके बाद इलाज शुरू किया, लेकिन लेकिन चिकनगुनिया जैसे लक्षण नहीं मिले। 24 लोगों में जरूर सामान्य बुखार मिला। टीम ने मौके पर ही इनका इलाज किया।
गांव में कई दिनों से बुखार का कहर है। ग्रामीण लोकल डॉक्टरों से इलाज करवा रहे थे, लेकिन ठीक नहीं हो थे। कई ग्रामीणों को पैर में सूजन के साथ बुखार भी था। लोगों के बीमार होने की खबर वहां की एएनएम को भी नहीं थी। आशा कार्यकर्ता को जरूरत खबर थी लेकिन उसने अधिकारियों को नहीं बताया। फिर किसी ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना कर चिकनगुनिया जैसी बीमारी का होना बताया। इस पर जिला मुख्यालय से बीएमओ राजीव बरसेना, मानसिंह चौहान, आभूषण पाल, रामकिशन, अली खान सहित एएनएम वर्षा शर्मा पहुंचे और लोगों का इलाज शुरू किया। लोगों के खून की जांच स्लाइड के माध्यम से की, रिपोर्ट नेगेटिव आई। कोई गंभीर बीमार नहीं मिला।
पानी के सेवन से हुए बीमार
टीम के अनुसार प्रथम दृष्टया ग्रामीण जिस पानी का उपयोग कर रहे थे उसके संक्रमण से बीमार हुए हैं। घरों में नल के माध्यम से पानी आता है। जहां पर नल हैं वहां पर नल एक गड्ढेनुमा जगह पर लगाया है। नल जाने के पानी एकत्रित हो जाता है धूल व अन्य गंदगी के साथ जमीन में चला जाता है। जब दोबारा नल आते हैं तो गंदा लोगों के पीने में आता है।
बापचा गए थे। चिकनगुनिया जैसी बीमारी के मरीज नहीं मिले। न ही मलेरिया या डेंगू मिला। केवल पानी व गंदगी के संक्रमण के कारण ही बीमार होना सामने आया। 45 मरीज बुखार, सर्दी-खांसी के मिले। उनका इलाज किया।
राजीव बरसेना, बीएमओ आगर