शासन ने करोड़ों के प्याज खरीद कर कौडिय़ों के दाम बेच दिया। ऐसे में ग्रापं बटावदा के पाटीदार समाज के किसानों ने नई तकनीकी अपनाकर कम खर्च में प्याज को सुरक्षित कर लिया।
सैयद जाफर हुसैन. कानड़
शासन ने करोड़ों के प्याज खरीद कर कौडिय़ों के दाम बेच दिया। ऐसे में ग्रापं बटावदा के पाटीदार समाज के किसानों ने नई तकनीकी अपनाकर कम खर्च में प्याज को सुरक्षित कर लिया।
भंडार के लिए मकान के हॉल में ईंट बिछाकर लोहे की जाली बिछाई। इसके बाद जाली बिछाकर एक्जास फैन लगाकर किसान प्याज बचा रहे है। एक हजार आबादी वाले गांव के किसान इस तकनीक से कई क्विंटल प्याज बचा रहे हैं। किसान शिवनारायण पाटीदार, नरेंद्र पाटीदार ने बताया प्याज की बोवनी से लेकर उपज आने के बाद उसे सहजने में काफी परेशानी होती हे। कई बार फसल खराब भी हो जाती थी, जिसे फेंकना पड़ता था। इस बार मकान में लगे एक्जास को देखकर विचार आया कि यह कमरे की गर्मी को खींच सकता है, तो जमीं के नीचे की गर्मी को खींच सकेगा। इस तरह इस तकनीक से में जुट गए।
कम लागत में हो जाता है तैयार
किसानों ने बताया प्याज भंडारण को बनाने में महज 20 हजार रुपए का खर्चा आया और 500 क्विंटल प्याज को बचाया। साथ ही इसे बनाने में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगी।
पहले भी अपनाई थी तकनीक – किसानों ने बताया पिछले साल भी इसी तरह प्याज का भंडारण किया था। अच्छे भाव आने पर बेच दिया था।
बटावदा में जो प्याज रखने की तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, वह ठीक है। प्याज भंडारण में सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है।
अनोखीलाल चौहान, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी