आपदा प्रबंधन की खुली पोल: बारिश से आपदा आए तो नहीं मिलेगी मदद!
अगार मालवाPublished: Jul 18, 2017 12:41:00 am
बारिश में रात को यदि कहीं आपदा आती है तो शायद ही कहीं से आपको मदद मिल
सके। आपदा प्रबंधन के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में रात को कोई कर्मचारी
आपका फोन नहीं उठाएगा। इसका कारण है कि जिस कर्मचारी की रात के समय यहां
ड्यूटी लगाई गई है, वह रात में ड्यूटी के लिए आता ही नहीं है। ऐसे मे
कंट्रोल रूम पर आपदा के लिए मदद नहीं मिल पाएगी।
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आगर-मालवा. बारिश में रात को यदि कहीं आपदा आती है तो शायद ही कहीं से आपको मदद मिल सके। आपदा प्रबंधन के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में रात को कोई कर्मचारी आपका फोन नहीं उठाएगा। इसका कारण है कि जिस कर्मचारी की रात के समय यहां ड्यूटी लगाई गई है, वह रात में ड्यूटी के लिए आता ही नहीं है। ऐसे मे कंट्रोल रूम पर आपदा के लिए मदद नहीं मिल पाएगी। इसके उलट जवाबदार अधिकारी का कहना है कि कर्मचारी रात में पूरे समय ड्यूटी पर रहता है जबकि देखा जाए तो पिछले तीन दिनों से यहां पर कोई कर्मचारी रात के समय नहीं मिल रहा है। यहां के कंट्रोल रूम में रात के समय ताला लटका हुआ मिलता है। बारिश के समय किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए बकायदा जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम का गठन किया। साथ ही किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया। यह कंट्रोल रूम भू-अभिलेख विभाग में बनाया गया है। इसके नियंत्रण की जिम्मेदारी संबंधित विभाग प्रमुख की है। इस कंट्रोल रूम से तीन पारियों मे अलग-अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सुबह के समय तो कर्मचारी यहां पर अपनी ड्यूटी निभाकर अपने नियत समय पर चला जाता है। जिस कर्मचारी की ड्यूटी दोपहर 2 से रात 10 बजे तक वह भी समय पर आता तो है लेकिन ड्यूटी पूरी किए बिना ही अंधेरा होते ही चला जाता है। लेकिन जिस कर्मचारी की ड्यूटी रात 10 से सुबह 6 बजे तक लगाई गई है वह कर्मचारी अभी तक अपनी ड्यूटी पर नही आया है।
रात के समय लटका मिलता है ताला: यहां पर कंट्रोल रूम स्थापित कर कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाने के लिए आदेश खुद कलेक्टर ने दिए थे ताकि बारिश के दौरान रात के समय कोई आपदा आने पर लोग यहां पर फोन कर सूचना कर सके। यहां तो नियमों की अनदेखी की जा रही है। पत्रिका टीम ने पिछले तीन दिनों से रात के समय यहां का निरिक्षण किया जा रहा है। तीनों दिन ही रात में यहां पर ताला लटका हुआ ही मिला है। कोई कर्मचारी यहां पर तैनात नहीं पाया गया। फिलहाल अभी क्षेत्र में आपदा जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं हुई है , लेकिन यदि निर्मित होती है निश्चित ही आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से कोई भी मदद नहीं मिल पाएगी।
खुला रहता है कंट्रोल रूम: अधीक्षक भू-अभिलेख राजेश सरवटे से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि रात के समय प्रतिदिन कंट्रोल रूम खुला रहता है। वे काफी देर तक अपनी इस बात पर अड़े रहे कि कर्मचारी रात को उपस्थित रहता है, जबकि यहां की स्थिति कुछ ओर ही है। बाद में उन्होंने खुद स्वीकार किया कि रात के समय जिस कर्मचारी की ड्यूटी है। वह नहीं आ पा रहा है।
एक महीने से नहीं आ रहा है कर्मचारी: जानकारी अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रुम 15 जून से संचालित किया जा रहा हैतभी से इस कर्मचारी की ड्यूटी यहां पर लगाईगईहै।सूत्रो के अनुसार पिछले एक महीने से यह कर्मचारी यहां पर नही आया है। वही उपस्थिति रजिस्टर मे भी उसके हस्ताक्षर नही है। अधिकारियों को भी सब पता होने के बावजूद आगे कोईकार्रवाईनही की गई।
आपदा से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है , जहां पर फोन कर आपदा की जानकारी दी जा सकती है। दिन के समय तो कर्मचारी यहां पर आता हैलेकिन रात के समय आने वाले कर्मचारी को कुछ परेशानी आ रही है। इस संबंध मे कलेक्टर से बात की जा रही है । रात के समय कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी।
राजेश सरवटे, अधीक्षक भू-अभिलेख