आगरा। सर्जीकल स्ट्राइक के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। पाकिस्तान के साथ रिश्ते हाशिए पर चल रहे हैं। पाकिस्तान से आए नागरिकों की एक बार फिर से खोजबीन की जा रही है। पाक से वीजा लेकर आगरा में 1956 में आए लगभग 45 पाकिस्तानी नागरिकों का कोई सुराग नहीं है। माना जा रहा है कि वे आगरा में पाकिस्तानी बनकर रह गए हैं। गुम पाकिस्तानी नागरिकों को तलाशने के लिए खुफिया तंत्र भी चकरघिन्नी बना हुआ है। इनके बारे में विभागों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
आगरा की आवोहवा में हुए गुम
आगरा का कारोबार देश के साथ ही विदेशों में मशहूर है। आगरा से पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका सहित कई एशियाई देशों में व्यापार होता है। इसके लिए पाकिस्तान से भी लोग आते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि साल 1956 में करीब 45 पाकिस्तानी नागरिक वीजा लेकर आगरा आए थे। उसके बाद से वे कहां हैं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। खुफिया विभाग के सूत्र कहते हैं कि उस समय दस्तावेज सहेजने के लिए कम्प्यूटर जैसी सुविधाएं नहीं थीं। कागजों को फाइलों में रखा जाता था। ऐसा माना जा रहा है कि 45 पाकिस्तानी नागरिक आगरा से कहीं और जा चुके होंगे। लेकिन, सूत्र मानते हैं कि ये 45 पाकिस्तानी नागरिक आगरा की आवोहवा में ही कहीं गुम हो गए हैं।
आगरा में हैं कई रिश्तेदारियां
आगरा में मुस्लिम परिवारों में पाकिस्तान से कई रिश्तेदारियां हैं। सूत्र की मानें तो नाईं की मंडी, मंटोला, ढोली खार जैसे क्षेत्रों में उस दौरान कहीं ये 45 पाक नागरिक रहे होंगे। इसके बाद उनके परिवारों ने स्थानीय मुस्लिमों में रिश्तेदारियां कर ली होंगी। माहौल गर्म होने पर विभाग सक्रिय है और गुप्त रूप से जानकारियां एकत्रित कर रहा है।