आगरा। पहले चरण के चुनाव नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने में सिर्फ 72 घंटे का समय बचा है। लेकिन, सपा की रार सुलझने के बजाए उलझती जा रही है। पिता पुत्र के साथ चाचा भतीजे और भाइयों की लड़ाई में सबसे अधिक रार का असर आगरा मंडल में देखने को मिल रहा है। मुलायम की सूची से घोषित प्रत्याशी अभी तय नहीं कर पा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए संगठन से कब आदेश मिले। वहीं अखिलेश के तथाकथित प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं। पार्टी में होने वाले दो फाड़़ अब सामने दिखने लगे हैं। ऐसे में समर्थक असमंजस की स्थिति में हैं कि किसे समर्थन करें और किस प्रत्याशी के साथ चलें। चुनाव से पहले ही यहां अखिलेश और मुलायम के बीच मुकाबला शुरू हो गया है।
फतेहपुरसीकरी पर दो प्रत्याशी
मुलायम सिंह यादव ने जब पहली सूची जारी की थी, तब उन्होंने प्रत्याशियों की सूची में आगरा जनपद के फतेहपुरसीकरी विधानसभा सीट से वरिष्ठ सपा नेता रामनिवास शर्मा का नाम घोषित किया था। इसके ठीक बाद अखिलेश यादव ने सूची जारी कर दी, जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लाल सिंह लोधी का नाम घोषित किया गया। अब इस सीट पर रामनिवास शर्मा मुलायम समर्थित प्रत्याशी हो गए हैं और लाल सिंह को अखिलेश गुट का माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि रामनिवास शर्मा का चुनावी अभियान अंदरूनी तौर पर शुरू हो गया है, जिसमें उन्होंने मुलायम सिंह के समर्थन और उनके नाम पर वोट मांगना शुरू कर दिया है। वहीं लाल सिंह लोधी खुलकर चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं। उन्होंने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान तेज कर दिए हैं। अब समर्थक और कार्यकर्ताओं भी गुटों में बंट गए हैं।
फिरोजाबाद जिले में संशय
सुहगनगरी में सपा की रार का ये आलम है कि अखिलेश समर्थकों का पार्टी कार्यालय पर कब्जा है। शिकोहाबाद सीट पर मीना राजपूत को टिकट थमाया है मुलायम सिंह ने तो अखिलेश ने वहां से ओमप्रकाश वर्मा हैं। इस सीट पर दो प्रत्याशियों के पेंच ने चुनाव प्रचार में अडंगा डाल दिया है।
एटा सीट पर दो नाम
अखिलेश की सूची में एटा से वर्तमान विधायक को सपा का झंडा नहीं थमाने का पैगाम दे दिया गया। यहां से अलीगंज विधायक रामेश्वर विधायक के अनुज जुगेंद्र सिंह यादव को अखिलेश ने प्रत्याशी बनाया है। वहीं सदर सीट की इस सीट पर वर्तमान विधायक आशीष यादव के नाम पर मुलायम की सूची में मुहर लगी थी। अब इस सीट पर दोनों प्रत्याशियों के बीच द्वंद्ध युद्ध शुरू हो गया है। जुबानी जंग में दोनों महारथी एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं।
अलीगढ़ में पेच
कोल विधानसभ से जमील उल्लाह का नाम अखिलेश की सूची में नहीं था। मुलायम खेमे में नाम होने के चलते उन्हें अखिलेश सूची में जगह नहीं दी गई है। ऐसा माना जा रहा है। कोल विधानसभा सीट पर इस प्रत्याशी ने एलान भी कर दिया है कि यदि सपा से टिकट नहीं दी गई, तो वे निर्दलीय भी चुनाव लड़ेंगे।