आगरा। भारतीय किसान संघ का किसान सम्मेलन किसान संघ जिलाध्यक्ष और प्रान्त आन्दोलन प्रमुख मोहन सिंह चाहर के नेतृत्व में एसएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धिमश्री शमसाबाद में हुआ। जिसमें किसान संघ नेताओं ने किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं जानीं। आगरा के 12 ब्लाॅकों को डार्क से श्वेत कराने और सहकारी समतियों पर पुराने नोट से खाद न दिए जाने बिजली पानी की समस्याओं को लेकर आंदोलन का ऐलान किया गया। सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार से मांग की गई कि किसानों की विभिन्न समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए।
आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए
किसान संघ जिलाध्यक्ष और प्रान्त आन्दोलन प्रमुख मोहन सिंह चाहर ने कहा कि किसान संघ किसानों को जागरूक करने के लिए हर ब्लाॅक में किसानगोष्ठी करेगा। आगरा के 12 ब्लाॅको को डार्क क्षेत्र को श्वेत कराने, सहकारी समितियों पर पुराने नोट से खाद देेने, आलू का समर्थन मूल्य घोषित किए जाने आगरा में आलू निर्यात जोन बनाए जाने, प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाने, रिसर्च केन्द्र स्थापित किए जाने किसानों को लागत मुल्य का डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिए जाने और राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किए जाने कि माांगों को लेकर किसान संघ केंद्रीय कृषि मन्त्री और राज्य सरकार को ज्ञापन देगा। बैंक की मनमानी की शिकायतों पर भी किसान संघ गंभीर है। बैंकों पर जाकर निरीक्षण करेंगे शिकायत मिली, तो वित्त मंत्री से शिकायत की जाएगी।
किसानों को बिजली, पानी की नहीं होगी समस्या
किसान संघ के प्रान्त प्रचार प्रमुख ऋषी कुमार एडवोकेट ने कहा कि किसान संघ का उद्देश्य किसानों को जागरूक करने का तो है कि बल्कि किसानों की बिजली पानी सहित विभिन्न समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचाकर समाधान कराना भी है। उन्होंने किसानों से जैविक खाद के प्रयोग की अपील करते हुए कहा कि नोटबंदी के आगे अच्छे परिणाम आएंगे।
बिजली की मांग
उन्होंने किसानों की शिकायत पर फतेहाबाद के धिमश्री फीडर से जुड़े करीब 25 गांव और पैंती खेड़ा से जुड़े 20 गांव में बिजली नहीं आने से कड़ा रोष जताते हुए विद्युत विभाग से मांग की है कि इन क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था अभिलम्ब सुचारू की जाए।
ये रहे मौजूद
सम्मेलन में प्रान्त संघठन मंत्री धर्मेन्द्र कुमार, जिला कोषाध्यक्ष ठाकुर लक्ष्मण सिंह, देवेन्द्र कुशवाह, गिरीश बाबू, सुशील शर्मा, संजीव शर्मा, चौधरी हमवीर सिंह, रामवीर चाहर, राजू शैलेन्द्र सिंह, देवी सिंह, पूरन सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, जयपाल सिंह, नैमी सिंह, अखिलेश, फोरन सिंह, दुशासन सिंह, रोहन सिंह सहित सैंकड़ों किसान मौजूद थे।