scriptकल्याण सिंह हुए ‘बेकार’, पुत्रवधु ने भी दिया बिसार | BJP leader kalyan singh is out of political scene before UP election 2017 | Patrika News

कल्याण सिंह हुए ‘बेकार’, पुत्रवधु ने भी दिया बिसार

locationआगराPublished: Oct 17, 2016 05:52:00 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

कारण कुछ भी हो, लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आउट हैं।

kalyan singh

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आगरा। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कुछ नारे दिए हैं- न गुंडाराज ने भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार। अलीगढ़ में कुछ नया नारा चल रहा है- अबकी बार भाजपा सरकार, कल्याण सिंह हुए बेकार। कारण कुछ भी हो, लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आउट हैं। अंदरखाने वे कुछ भी कर रहे हों, लेकिन बाहर से गायब हैं। हाल तो यह है कि कल्याण सिंह की पुत्रवधु ने भी बिसार दिया है। 


होर्डिंग से सब समझ में आ जाएगा
आप अलीगढ़ जाइए तो सबकुछ समझ में आ जाएगा। अलीगढ़ में इस समय टिकट के दावेदारों ने होर्डिंग लगा रखे हैं। सासनी गेट चौराहा से लेकर क्वारसी चौराहा से अतरौली रोड पर होर्डिंग ही होर्डिंग हैं। होर्डिंग के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के कोल विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। आम जनता पर भी मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल रहे हैं।

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कल्याण के स्थान पर राजू भैया
इन होर्डिंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, एटा के सांसद राजवीर सिंह राजू भैया आदि हैं, लेकिन कल्याण सिंह का चित्र कहीं नहीं हैं। अपने ही जिले में कल्याण सिंह का ऐसा हाल होगा, सोचा नहीं जा सकता है। होर्डिंग देखकर लगता है कि अलीगढ़ में कल्याण सिंह का कोई नामलेवा भी नहीं रह गया है। कल्याण सिंह के स्थान पर उनके पुत्र राजू भैया आ गए हैं।


पुत्रवधु को भी परहेज
कल्याण सिंह की पुत्रवधू और राजू भैया की पत्नी प्रेमलता वर्मा अतरौली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट की दावेदार हैं। अतरौली क्षेत्र में उनके भी होर्डिंग लगे हुए हैं। इन पर भी कल्याण सिंह का फोटो नहीं है। प्रेमलता वर्मा अतरौली से विधायक रही हैं।

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क्या है कारण
कल्याण सिंह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं। वे सक्रिय राजनीति से दूर हैं। इसी कारण उनका फोटो होर्डिंग पर नहीं लगाया जा सकता है। राज्यपाल किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होता है। राज्यपाल सक्रिय राजनीति में भाग नहीं ले सकते हैं।

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