उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले शक्तिशाली विस्फोटक की जांच यहां की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में की जा रही है।
आगरा। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले शक्तिशाली विस्फोटक की जांच यहां की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में की जा रही है। पुलिस का कहना है कि विस्फोटक पीईटीएन (पेन्ट्रा एरीथ्रिटाल टेट्रा नाइट्रेट) है। छह वैज्ञानिकों की टीम पता लगा रही है कि विस्फोटक की मारक क्षमता कितनी थी। जल्दी ही जांच पूरी हो जाने की आशा जताई गई है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला का कोई अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
12 जुलाई को मिला था विस्फोटक
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 12 जुलाई को विधायक की सीट के नीचे 150 ग्राम विस्फोटक मिला था। इसके बाद तो हड़कम्प मच गया है। सफेद पाउडर की पहचान पीईटीएन विस्फोटक के रूप में की गई थी। यह खतरनाक विस्फोटक है। इससे विस्फोट करने के लिए डिटोनेटर की जरूरत होती है। पीईटीएन के नमूने विधि विज्ञान प्रयोगशाला, आगरा भेजे गए हैं। पीईटीएन में अगर कुछ अन्य पदार्थ मिला दिए जाएं तो मारक क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाती है।
विस्फोटक की क्षमता का पता लगाया जा रहा
बताया जा रहा है कि लखनऊ में हुई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि सफेद पाउडर पीईटीएन ही है। आगरा में यह बता लगाया जा रहा है कि इसमें और क्या मिला है। जांच से विस्फोटक पदार्थ की क्षमता के बारे में भी जानकारी मिलेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि पीईटीएन में किसी भी प्रकार की गंध नहीं होती है। इस कारण प्रशिक्षित कुत्ते भी इसका पता नहीं लगा सकते हैं।
एजेंसियां कर रही जांच
विधानसभा में मिले विस्फोटक पदार्थ मामले की जांच एनआईए (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) और एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) द्वारा की जा रही है। इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है। जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि कहीं यह आरडीएक्स या उसी से मिलता-जुलता कोई विस्फोटक तो नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ स्वयं इस विस्फोटक पदार्थ को आतंकवादी साजिश करार दे चुके हैं।