आगरा। केंद्रीय हिन्दी संस्थाiन द्वारा श्रीलंका में हिन्दी का परचम फहराने की पूरी तैयारी कर ली गई है। कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि जून, 2016 के प्रथम सप्तारह में संस्थाहन के निदेशक प्रो. नन्दत किशोर पाण्डेाय श्रीलंका की यात्रा पर जा रहे हैं। वहां पर उच्चह कक्षाओं के नए केंद्र खोलने संबंधी प्रस्तांवों को मंजूरी दी जाने की संभावना है।
कैंडी शहर के महिला शिष्टमंडल के लिए कार्यशाला
यह जानकारी श्रीलंका के मशहूर शहर कैंडी से आए एक महिला शिष्टरमंडल के लिए विशेष सघन हिंदी पाठ्यक्रम कार्यशाला के दौरान दी गई। बद्उद्दीन महमूद बालिका कॉलेज, कैंडी में अध्यहयनरत स्नारतक स्तकर की छात्राएं तथा उनके प्राध्यावपकों का स्वागत किया गया। पाठ्यक्रम का संयोजन प्रो. देवेन्द्र शुक्ल ने किया। उन्होंने सघन हिन्दी पाठ्यक्रम कार्यशाला में कई विषयों पर अपने शोधपरक व्याोख्यातन तथा प्रश्नोात्तुर शैली से उनके संदेहों को दूर किया।
कोलंबों में एक दशक से हिन्दी पाठ्यक्रम
संस्थांन के निदेशक प्रो. नन्द् किशोर पाण्डे य ने कहा कि पिछले एक दशक से केंद्रीय हिन्दी संस्थांन अपना पाठ्यक्रम कोलंबो में संचालित कर रहा है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए कैंडी के साथ-साथ अन्यर शहरों में भी पाठ्यक्रम की संभावनाओं को शीघ्र ही चिन्हित करने की योजना बना ली गयी है। कैंडी की पहचान अब केवल अपने क्रिकेट स्टेकडियम या फिर चाय के लिए ही नहीं सीमिति है, बल्कि अब केंद्रीय हिन्दी संस्थामन की आहट भी वहाँ पहुँच गयी है। हमारे लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
श्रीलंका में हिन्दी सीखने की ललक
हिन्दी प्राध्याीपक सुश्री इम्ता्जि़या फारुक ने बताया कि दिन-प्रतिदिन हिन्दी सीखने की ललक वहां के निवासियों में बढ़ने की वजह से कई कॉलेजों तथा विश्वकविद्यालयों में हिन्दी विभाग खुले हैं। इनमें से स्वकयं उनका एक कॉलेज है, जो संपूर्ण रूप से श्रीलंका सरकार द्वारा शासित है। उल्ले खनीय है कि इस महाविद्यालय में अल्पशसंख्य क समुदाय की छात्राएं ही अध्यरयन करती हैं।
प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए
कार्यशाला का समापन करते हुए तमिलभाषी प्राध्यायपिका आर.जेड. रिजवाना ने संस्थाान का आभार व्याक्तर किया। इस कार्यशाला के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। सघन कार्यशाला आयोजन के दौरान गुंजन जैन, दिवाकर नाथ त्रिपाठी, अनिल पाण्डेकय, शाहिद अब्बाास, अनिल शर्मा, रामानंद ने सहयोग प्रदान किया।