रेनबो हॉस्पिटल में आयोजित स्ट्रेस मैनेजमेंट कार्यशाला में विशेषज्ञों ने उदाहरण देकर समझाया तनाव मुक्त होने का तरीका।
आगरा। आपको 100 रुपये चाहिए, लेकिन कमा पाते हैं 90 रुपये, यह आपको तनाव देता है, इस तरह जिंदगी में सुबह से लेकर रात तक छोटी छोटी चीजों से होने वाला तनाव तन और मन को बौखलाहट से भर देता है। आपके व्यवहार से लेकर शरीर पर इसका असर दिखाई देता है, यह तनाव बढ़ता जाता है और शरीर को बीमार करने लगता है। इस तनाव को आसानी से खत्म किया जा सकता है, कैसे इस पर रेनबो हॉस्पिटल में आयोजित स्ट्रेस मैनेजमेंट कार्यशाला में विशेषज्ञों ने उदाहरण देकर समझाया।
गीता पढ़ने से मिलता आराम
वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. आरसी मिश्रा ने बताया कि वे गीता पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें भरोसा है कि कर्म और संतोष जीवन जीने का आसान और सबसे अच्छा तरीका है। वैसे भी ईश्वर ही अंतिम सत्य है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और महात्मा गांधी ने भी इसे स्वीकार किया और कहा कि सत्य है वही ईश्वर है। कर्म करें और फल ईश्वर पर छोड़ दें। यानि संतोषी बनें।
ओम का जाप करने से 70 फीसद राहत
इंटीग्रल हॉलिस्टिक मेडिसिन, अमेरिका की डॉ. जया पंचौली ने जिंदगी में ओम के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि दिन में चार बार ओम का जाप करते हैं तो इससे दिन भर तनाव में डूबा 70 फीसद शरीर को राहत मिलती है। ओम का जाप करते समय शांति होनी चाहिए और जाप खत्म होने के बाद कुछ देर मौन रहें। उन्होंने कहा कि जिंदगी में अध्यात्म का भी बडा महत्व है, इसे जिंदगी का हिस्सा बनाएं। उन्होंने एरोमा थैरपी के बारें में भी जानकारी दी।
खान पान पर दें विशेष ध्यान
डायटीशियन रेणुका डंग ने खान पान पर विस्तार से चर्चा की, उन्होंने बताया कि संपन्नता बढ़ने के साथ ही खान पान बिगड़ता जा रहा है। हम जो खाते हैं वह मोटापा देता है, उसमें पौष्टिक तत्व नहीं होते हैं। अनूप असीजा ने लॉ ऑफ अट्रेक्शन के बारे में बताया, डॉ. मल्लिका आदि ने स्ट्रेस मैनेजमेंट के टिप्स दिए। इस दौरान आरएन मल्होत्रा, डॉ. आरएल शर्मा, डॉ. वंदना कालरा, स्मृति संस्था के पदाधिकारी मौजूद रहे। संचालन गगन ने किया।
तनाव बना रहा मानसिक और शारीरिक रोगी
डॉ. निहारिका मल्होत्रा ने बताया कि हर व्यक्ति के शरीर पर स्ट्रेस का अलग अलग असर पड़ता है। कुछ लोगों को तनाव होने से एसिडिटी, कुछ की हृदय गति बढ़ना, कुछ को पसीने आना तो कुछ को सिर दर्द होता है। छोटी-छोटी बातों को लेकर स्ट्रेस लगातार बना रहे तो तो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। स्ट्रेस के कारण लम्बे समय तक एसीटिडी से अल्सर और गैस्ट्रिक कैंसर, हृदय गति बढ़ने से बीपी व हृदय रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्हें दवाओं से सही नहीं किया जा सकता है। इसके लिए जीवन में तनाव मुक्त रहने के लिए योगा और अध्यात्म की जरूरत होती है।
तनाव मुक्त रहने के टिप्स
-अपनी क्षमता के अनुसार और छोटे लक्ष्य बनाएं।
-लगातार कई घंटे काम के दौरान ब्रेक लें। मन की बातों को व्यक्त करना सीखें।
-व्यायाम करें।