ग्रामीण फिर खुले में जा रहे शौच
अजमेरPublished: Oct 03, 2015 04:36:00 am
केकड़ी विधानसभा क्षेत्र
के गांव कालेड़ा कंवरजी को खुले में शौचमुक्त गांव घोषित करने की प्रशासन की
अजमेर/ सावर।केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के गांव कालेड़ा कंवरजी को खुले में शौचमुक्त गांव घोषित करने की प्रशासन की घोषणा हवाई साबित हुई है। स्वच्छ भारत मिशन और खुले में शौच मुक्त बनाने के अभियान की पहली वर्षगांठ के दिन 2 अक्टूबर को भी गांव में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक खुले में शौच के लिए गए।
जिला प्रशासन ने जिले में अब तक 19 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने का दावा किया है। इनमें से 11 ग्राम पंचायतों का राज्य सरकार और 8 पंचायतों को जिला प्रशासन ने घोषित किया है। कालेड़ा कंवरजी को खुले में शौच मुक्त गांव बनाने के लिए प्रशासन की ओर से गत छह माह से प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से गांव में शौचालय भी स्वीकृत किए गए।
उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और पंचायत समिति के बीडीओ स्तर से नियमित मॉनिटरिंग भी की गई। उपखंड अधिकारी और बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने गांव को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित करना तय किया।
कार्यवाहक एडीएम द्वितीय और जिला परिषद के एसीइओ जगदीश चंद्र हेड़ा ने बुधवार को गांव पहुंचकर कालेड़ा कंवरजी को खुले में शौचमुक्त गांव घोषित किया। इस अवसर पर गांव में गौरव यात्रा भी निकाली गई।
हालात बिल्कुल उलट
राजस्थान पत्रिका ने शुक्रवार सुबह कालेड़ा कंवरजी का दौरा किया। गांव में मुख्य सड़क पर ही बच्चे बुजुर्ग और जवान खुले में शौच करते हुए दिखाई दिए। ग्रामीण हाथ में पानी की बोतल और डिब्बे लेकर खुले में शौच के लिए आते-जाते दिखाई दिए। ग्रामीणों ने बताया कि घर में शौचालय बनकर तैयार नहीं हुए हैं। कुछ घरों में अभी भी शौचालय नहीं हैं।
ऎसे घोषित होता है खुले में शौचमुक्त गांव
– गांव के सभी घरों में शौचालय स्वीकृत कर शौचालय बना दिए गए हों।
– शौचालय बनने के बाद गांव के लिए गठित निगरानी समिति पांच से दस दिन सुबह निरीक्षण करती है।
– निगरानी समिति की रिपोर्ट के बाद प्रशासन राज्य सरकार को रिपोर्ट देता है।
– राज्य सरकार की ओर से एक निरीक्षण टीम भेजी जाती है। निरीक्षण टीम की रिपोर्ट के बाद सरकार गांव को खुले में शौचमुक्त घोषित करती है।
इनका कहना है
कालेड़ा कंवरजी में शौचालय बन गए हैं। निगरानी कमेटी वहां सुबह 4 से 8 बजे तक ग्रामीणों को खुले में शौच जाने के लिए रोकती है। वहां की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने उसे खुले में शौचमुक्त घोषित किया है। राज्य सरकार की टीम अभी नहीं आई है। लोगों की बरसों पुरानी आदत है, एकदम नहीं जाएगी।जगदीश चंद्र हेड़ा, एडीएम द्वितीय और एसीइओ जिला परिषद