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अलीगढ़

हिंदी के विरोध में उतरे एएमयू के छात्र, राष्ट्रभाषा मानने से किया इंकार

रेलवे स्टेशन पर लगे हिंदी के श्लोगनों को हटाने के लिए चौबीस घंटे का दिया अल्टीमेटम।

अलीगढ़Sep 20, 2016 / 01:48 pm

Sudhanshu Trivedi

Hindi Fortnight

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अलीगढ़. रेलवे स्टेशन परिसर में हिन्दी (राष्ट्रभाषा के समर्थन) में लिखे श्लोगन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध जताया है। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बताने का विरोध करते हुए छात्रों ने स्टेशन अधीक्षक को एक ज्ञापन देकर 24 घण्टे में सभी बोर्ड हटाने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि हिंदी के बोर्ड नहीं हटाए गए तो एएमयू के छात्र प्रदर्शन करेंगे।

रिकॉर्ड या दस्तावेज में हिंदी राष्ट्रभाषा अंकित नहीं
ज्ञापन देने आए छात्रों ने बताया कि रेलवे स्टेशन परिसर में लगे बोर्ड पर लिखे शब्दों से हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड लोगों को भ्रमित कर रहा है क्योंकि किसी भी रिकॉर्ड या दस्तावेज में हिंदी राष्ट्रभाषा अंकित नहीं है। वहीं 25 दिसम्बर 2010 में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा आए फैसले का एक पेपर में छपी खबर का हवाला देते हुए छात्र मो. मसूद रजा ने कहा कि हमारी फंडामेंटल ड्यूटी बनती है कि हम कोर्ट आर्डर की रेस्पेक्ट करे। एएमयू छात्र अब्दुल रफीस खान ने कहा कि हमारे मेमोरेंडम को अलीगढ़ स्टेशन अधीक्षक ने लेने से इंकार कर दिया।

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24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
स्टेशन अधीक्षक आर.के.पाठक ने छात्रों का ज्ञापन लेने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि पहले एएमयू वीसी से छात्र इसकी परमीशन लेकर आएं। उसके बाद ये मेमोरेंडम लिया जायेगा। स्टेशन अधीक्षक पाठक ने कहा कि वह हिन्दी को राष्ट्रभाषा मानते हैं। इसलिए श्लोगन सही लिखे गए हैं। इस पर विवाद बढ़ गया । बाद में मेमोरेंडम देने आये छात्रों ने 24 घन्टे का अल्टीमेटम दिया कि अगर बोर्ड नहीं बदले गए तो छात्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

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