अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. जसीम मोहम्मद द्वारा सर सैयद की पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद का विमोचन किया।
अलीगढ़। केन्द्रीय मन्त्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली के एैवान-ए-गालिब में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. जसीम मोहम्मद द्वारा सर सैयद की पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद का विमोचन किया।
इन पुस्तकों का लोकार्पण
दिल्ली के गालिब इन्स्टीट्यू में आयोजित महफिले सनम कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मन्त्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉ. जसीम मोहम्मद द्वारा सर सैयद अहमद खान द्वारा उर्दू में लिखित पुस्तक ‘‘असबाब-ए-बगावत-ए-हिन्द’’, मौलाना अल्ताफ हुसैन हॉली द्वारा उर्दू में सर सैयद पर लिखित पुस्तक हयाते जावेद की हिन्दी में अनुवादित पुस्तकों तथा डॉ. जसीम मोहम्मद द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ मूवमेण्ट’’ का विमोचन किया।
हिन्दी में अनुवाद जरूरी
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सर सैयद अहमद खान भारतीय उप महाद्वीप के न केवल महान शिक्षाविद थे बल्कि समाज सुधार के क्षेत्र में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. जसीम मोहम्मद द्वारा सर सैयद की पुस्तकों तथा उनके जीवन एवं कार्यों पर लिखी गई पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि देश के बहुसंख्यक लोग हिन्दी भाषी है और उन्हें सर सैयद के त्याग तथा कार्यों से परिचित होना चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सर सैयद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में डॉ. जसीम मोहम्मद उल्लेखनीय भूमिका अदा कर रहे है और धन्यवाद के पात्र है।
सैयद के शैक्षिक मिशन को देश के कोने-कोने में पहुंचाए जाए
डॉ. जसीम मोहम्मद ने कहा कि मेरे व्यक्तित्व और जीवन में अमुवि की बहुत बड़ी भूमिका है। मैंने सर सैयद से समर्पण और कटिबद्धता की भावना सीखी है। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि सर सैयद के शैक्षिक मिशन को देश के कोने-कोने में पहुंचाए जाए, जो देश के विकास के लिए भी आवश्यक है।
युवाओं को मिले प्रेरणा
उन्होंने कहा कि हमारे युवा वर्ग तथा हिन्दी भाषी लोगों को सर सैयद से प्रेरणा मिले, इसीलिए उनके द्वारा लिखित पुस्तकों का अनुवाद हिन्दी में आवश्यक था। इस अवसर पर दूरदर्शन के एडिशनल डायरेक्टर दीपा चन्द्रा, हिमालय ड्रग्स के डॉ. मोहम्मद फारुक, डॉ. शेहला नवाब, डॉ. मोहम्मद फुरकान भी उपस्थित थे।