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डिग्री कॉलेज पर एक रुपया हर्जाना, छात्रा को एमकाम में तत्काल प्रवेश देने का निर्देश

locationप्रयागराजPublished: Nov 30, 2016 08:50:00 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

काउंसलिंग में मूल अंकपत्र न दिखाने पर एमकाम में प्रवेश देने से किया इंकार

Allahabad High Court

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इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध सीएमपी डिग्री कॉलेज पर एक रूपये का हर्जाना लगाया है। कॉलेज मेें बी.काम तृतीय वर्ष में बैक पेपर देने वाली छात्रा द्वारा मूल अंकपत्र काउंसिलिंग के समय न दिखाने के कारण एम.काम में प्रवेश देने से इंकार कर दिया था। 





याची ने बैेक पेपर देने के लिए जारी मूल अंक पत्र कॉलेज में ही जमा कर दिया था और प्रवेश पाने की न्यूनतम अर्हता से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद कॉलेज ने तकनीकी कारणों से प्रवेश देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कालेज के रवैये को छात्र को नैतिक नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया। कालेज का याची को प्रवेश देने से इंकार करना औचित्य पूर्ण नहीं है। कोर्ट ने सीएमपी कालेज को याची को तत्काल एम.काम में प्रवेश देने का निर्देेश दिया है। यदि सीट खाली न हो तो प्रवेश पाये अन्तिम छात्र का प्रवेश निरस्त कर याची को प्रवेश दिया जाए।




यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने कु.अर्पणा श्रीवास्तव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची ने 2015-16 सत्र में सीएमपी डिग्री कालेज से बी.काम तृतीय वर्ष उत्तीर्ण किया और एम.काम प्रथम वर्ष में प्रवेश परीक्षा दी। कट आफ मार्क से अधिक अंक मिले। याची बी.काम में अंक बढ़ाने के लिए दो विषय की परीक्षा में बैठी जिस पर मूल प्रमाणपत्र जमा कर लिए गए। जब वह एम.काम में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में गयी तो मूल अंक पत्र न होने के कारण प्रवेश देने से इंकार कर दिया गया। जबकि वह प्रवेश पाने के लिए अर्ह थी। कालेज ने नियमों का हवाला दिया जबकि विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को प्राविजिनल प्रवेश की अनुमति दी है फिर भी कालेज ने प्रवेश देने से इंकार कर दिया।
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