इलाहाबाद. हाॅस्पिटल का हर कर्मचारी मरीजों के लिए भगवान माना जाता है। भगवान स्वरूप इन कर्मचारियों की मानवता उस समय तारतार हो गई। जब एक महिला को डिलेवरी के दिन हाॅस्पिटल में छोड़ हड़ताल पर चले गए। उसका पति घंटों हाॅस्पिटल में अपनी पत्नी को लेकर घूमता रहा। एक ओर दोपहर करीब 12 बजे नारे लगा रहे थे। वहीं प्रसूता डाॅक्टरों की इस अमानवीय कृत्य को देख दर्द से कराह रही थी।
इलाहाबाद के नखास कोना निवासी अजहर हुसैन (35) की पत्नी सकीना (25) की डिलेवरी 19 सितम्बर को होने वाली थी। अजहर ने बताया कि जच्चा बच्चा सुरक्षित रहें, इसी को ध्यान में रखते पिछले काफी महीने से इसी सरकारी हाॅस्पिटल काल्विन में जांच करवा रहा हूं। तीन दिन पहले डाॅक्टरों ने उसे यहां भर्ती करने की सलाह दी थी। कहा था 19 सितम्बर यानि सोमवार को आॅपरेशन से डिलेवरी होगी।
सोमवार को आॅपरेशन करने वाले डाॅक्टर समय पर नहीं आए। इसके बाद डिलेवरी आज के दिन रखी गई। आज जब डिलेवरी का समय हुआ तो सभी नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं। इसके कारण अभी तक डिलेवरी नहीं हो पायी है। अजहर ने कहा कि हाॅस्पिटल में नर्स व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हाॅस्पिटल के सभी काउंटर बंद हैं। काफी मरीज तो यहां से प्राइवेट हाॅस्पिटल में इलाज कराने के लिए चले गए।
फार्मासिस्टों, लैब तकनीशियनों व नर्सों से निकाली रैली
मंगलवार को काल्विन, एसआरएन सहित अन्य सरकारी हाॅस्पिटलों के फर्मासिस्ट, लैब तकनीशियन व नर्स हड़ताल पर चली गई। इसके कारण हाॅस्पिटल के दवाओं के काउंटर से लेकर, विभिन्न जांच सहित अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए। दवा वितरण बंद होने से दवा लेने पहुंचे मरीज व उनके परिजनों की लंबी कतार लग गई। इस दौरान सुबह करीब आठ बजे फर्मासिस्टों, लैब तकनीशियनों व नर्सों ने बाइक रैली निकाली।
काल्विन के फर्मासिस्ट, लैब तकनीशियन व नर्स करीब 200 की संख्या में सीएमओ आॅफिस पहुंचे। वहीं एसआरएन के विभिन्न काउंटर को बंद करा कर्मचारियों को सीएमओ आॅफिस बुलाया गया। सीएमआे आॅफिस में कर्मचारियों ने करीब चार बजे तक धरना दिया। इसके कारण हाॅस्पिटल में दिनभर दवा काउंटर सहित अन्य कांउटर बंद रहे। हालांकि संविदा कर्मचारी ने हड़ताल के समय कार्यभार संभाले रखा। वहीं पदाधिकारी हड़ताल से काम नहीं प्रभावित होने का दावा करते नजर आए।