संगम में हर्ष चुंबक से समेटता है अपनी खुशियां
दिनभर में करीब 150 रूपए की हो जाती है कमाई
इलाहाबाद. माघ मेले में जहां दूर-दराज से आए लोग संगम में डूबकी लगाकर खुशियां मांगते हैं और मां गंगा में पैसे का चढ़ावा चढाते हैं। उसी संगम में उन्ही चढ़ावे के पैसे के तलाश में 11 साल का छोटा हर्ष दिनभर पानी में रह कर कडाके की ठंड में खुशियों की तलाश कर रहा है। उससे पूछो पैसे का क्या करेगा तो कहता है इस पैसे से अपने लिए कपडा लूंगा। जब ढेर सारे पैसे हो जाएंगे तो फिर स्कूल जाउंगा।
जिस समय गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में लोग घर में बैठकर खुशियां मना रहे थे। उस समय एक छोटा सा बच्चा अपनी खुशियां चुम्बक से चिपकाने में लगा था। जिस नन्हीं उम्र में हर्ष के हाथ में खिलौने होने चाहिए। कंधों पर किताबों व कलक से भरे बैग का बोझ होना चाहिए। उस उम्र में वह कडाके की ठंड में घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाने के लिए मजबूर और लाचार है।
इसी मजबूरी और लाचारी ने उससे किताबें छीन कर हाथ में चुम्बक पकडने के लिए मजबूर कर दिया। नाम हर्ष है लेकिन खुशियां उससे कोसों दूर है। दारागंज निवासी हर्ष ने बताया कि पहले वह पढता था लेकिन घर में पैसे की दिक्कत होने के कारण कक्षा 2 के बाद पढाई छोड दी। इसके बाद वह चुम्बक को लेकर गंगा, यमुना में कूद कर पैसे चिपकाने लगा। उसने बताया कि संगम में सुबह करीब 8 बजे कूद जाता है। दोपहर में एक बार खाना खाकर फिर चुम्बक लेकर सिक्के चिपकाने में लग जाता है।
दिनभर में करीब 100 से 150 रूपए तक मिल जाता है। हर्ष से जब पूछा गया कि इस पैसे का क्या करेगा तो बोला , इस पैसे को गुल्लक में डालेगा। ढेर सारे पैसे होने पर वह इन्हीं रूपयों से अपने लिए कपड़ा खरीदेगा।, उसने बताया कि उसके पिता यही काम करते हैं और मां माघ मेले में दुकान लगाई है।