इलाहाबाद. आपराधिक छवि वाले छात्र के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध पीजी कालेज के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद प्रत्याशी होने पर अध्यक्ष के चुनाव परिणाम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।
कोर्ट ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध पीजी कालेज बाबा राघवदास, बरहज, देवरिया का कल हो रहा चुनाव सम्पन्न होगा परंतु अध्यक्ष पद का परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के घोषित नहीं किया जायेगा। साथ ही साथ कोर्ट ने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास विश्वकर्मा के खिलाफ आपराधिक छवि होने को लेकर याचिका में पक्षकार बनाये जाने पर उन्हें नोटिस जारी की है। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी व पीजी कालेज के प्राचार्य को भी नोटिस जारी कर सबसे चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील कुमार ने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विशाल कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अरविन्द कुमार त्रिपाठी ने बहस की। याची का कहना है कि वह प्राचीन इतिहास विषय एम.ए.प्रथम वर्ष का छात्र है और वह अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी है। याची ने चुनाव अधिकारी से शिकायत की कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास विश्वकर्मा आपराधिक मामले में आरोपित हैं तथा उनका आपराधिक इतिहास है। चुनाव अधिकारी ने इस तथ्य पर विवाद नहीं माना।
इसके बावजूद विपक्षी को चुनाव लड़ने की अनुमति दी है। याची का कहना है कि लिंगदोह कमेटी की गाइड लाइन के अनुसार आपराधिक छवि वाले छात्र छात्रसंघ चुनाव नहीं लड़ सकते। विपक्षी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है। ऐसे में उसे चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहाकि अध्यक्ष पद का चुनाव परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति लिए घोषित न किया जाए। याचिका की सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।