इलाहाबाद. 11 नवम्बर इलाहाबाद उच्च न्यायालयने रेलवे में ब्लैक स्मिथ पद पर प्रोन्नत अभ्यर्थी को 1994 से पद भार न सौंप दूसरे व्यक्ति की मनमानी तैनाती के कारण न्यायालय का चक्कर लगाने को विवश करने पर गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद पर याची को परेशान करने के लिए 25 हजार रूपये हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने याची को पिछली तिथि से प्रोन्नति पाने तथा सेवाजनित परिलाभों का हकदार करार दिया है और कहा है कि 1994 से अब तक उसे दिये जाने वाले वेतन की वसूली रेलवे इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जांच कर वसूल करे। कोर्ट ने पद खाली न होने का बहाना बनाकर प्रोन्नत न देने तथा न्यायाधिकरण द्वारा याचिका खारिज करने के आदेशों को रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति मोहम्मद ताहिर की खण्डपीठ ने खलासी श्रीकृष्ण की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। अधिवक्ता का कहना था कि नवम्बर 1982में याची इटावा रेलवे में खलासी पद पर नियुक्त हुआ। डीआरएम रेलवे ने दो पद ब्लैक स्मिथ व एक पद हैमरमैन की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। ब्लैक स्मिथ पद पर नौशे व याची चयनित हुए तथा हैमरमैन पद पर ज्ञान सिंह चयनित हुए। नौशे को ब्लैक स्मिथ व ज्ञान सिंह को हैमरमैन पद पर नियुक्ति की गयी।
बाद में रेलवे ने हैमरमैन पद समाप्त कर दिया तो ज्ञान सिंह का ट्रैड टेस्ट लेकर उन्हें ब्लैकस्मिथ पद पर नियुक्त कर दिया गया और पद पर प्रोन्नति के लिए चयनित याची को यह कहते हुए नियुक्ति देने से इंकार कर दिया कि पद खाली नहीं है। जिसे चुनौती दी गयी। कोर्ट ने कहाकि न्यायाधिकरण ने समझने में गलती की। याची के रहते ज्ञान सिंह ब्लैक स्मिथ पद पर नियुक्ति की अर्हता नहीं रखते थे। रेलवे अधिकारियों ने गलत ढंग से चयनित याची को प्रोन्नत देने से इंकार किया जिसकी जवाबदेही तय की जाए।
Home / Prayagraj / रेलवे अधिकारी कर्मचारी को कर रहे थे परेशान, उच्च न्यायालय ने हजारों का लगाया हर्जाना