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भारतीय बुजुर्ग पर हमला: अमरीकी पुलिसकर्मी दोषी करार

Published: Mar 28, 2015 02:50:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

कोर्ट ने पूछताछ के दौरान जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग करने के लिए पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया

वाशिंगटन। अमरीका के मैडिसन उपनगर में एक भारतीय पर अनायास बल प्रयोग करने वाले अलबामा पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ फेडरल ग्रांड जूरी ने आरोप तय किया है। मैडिसन पुलिस के अधिकारी एरिक पार्कर ने 57 वर्षीय सुरेशभाई पटेल पर छह फरवरी को उस वक्त बल प्रयोग किया था, जब वह अपने बेटे के घर के सामने सुबह की सैर पर थे। घटना में वह आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। पार्कर पर नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया, जिसमें उन्हें 10 साल कारावास की सजा हो सकती है।

अमरीका के अटॉर्नी जोयेस व्हाइट वेंस ने बताया कि फेडरल ग्रांड जूरी ने पार्कर पर रंगभेद संबंधी कानून के तहत अधिकारों का हनन करने के मामले में आरोप तय किया है। वैंस ने एक बयान में कहा कि पुलिस कानून को बरकरार रखने और जनता को सुरक्षा देने की शपथ लेती है। जनता के मन में पुलिस के प्रति भरोसा कायम करने की जरूरत है।

पार्कर (26) पर इस व्यवहार के लिए लाइमस्टोन काउंटी में भी सुनवाई चल रही है, जिसमें उसे एक साल कारावास की सजा हो सकती है। उसने खुद को निर्दोष बताया है और 29 अप्रैल को पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। मैडिसन पुलिस प्रमुख लैरी म्युंसे ने पिछले महीने पार्कर को निष्कासित करने की अनुशंसा की थी।

इधर, सुरेशभाई के वकील हैंक शेरॉड ने अपने एक ईमेल में लिखा िक पटेल और उनका परिवार अमरीकी अटॉर्नी द्वारा तत्काल और निर्णायक कदम से बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि लोग पुलिस अधिकारियों पर भरोसा करें, इसके लिए जरूरी है कि अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और राज्य की अदालत में उसके खिलाफ हमला करने का मामला चलाया जाए। इसके उलट पार्कर के खिलाफ नागरिक अधिकार के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है जो कि पार्कर के व्यवहार की गंभीरता को ज्यादा उचित तरीके से स्पष्ट करता है।

छह फरवरी की घटना तब हुई थी, जब पार्कर और एक अन्य अधिकारी हार्डमैन प्लेस लेन में एक संदिग्ध व्यक्ति की सैर को लेकर सुबह आठ बजे किए गए फोन पर वहां पहुंचे थे।

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