चीन के विमान अमरीकी विमान के इतने करीब आ गए थे कि उनके बीच टक्कर हो सकती थी। अमरीकी क्रू सदस्यों ने हादसे की आशंका को टालने के लिए अपने विमान को वहां से हटा लिया।
नई दिल्ली। दक्षिणी व पूर्वी सागर क्षेत्र को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव दिनों-दिन गहराता जा रहा है। रविवार को हथियार से लैस चीन के लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी नौसेना के एक टोही विमान का काफी दूरी तक पीछा किया और बेहद खतरनाक ढंग से उस विमान के करीब आ गया। चीन के विमान अमरीकी विमान के इतने करीब आ गए थे कि उनके बीच टक्कर हो सकती थी। अमरीकी क्रू सदस्यों ने हादसे की आशंका को टालने के लिए अपने विमान को वहां से हटा लिया। जिस समय यह घटना हुई, तब अमेरिका का टोही विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में था। अमेरिका रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने सोमवार को यह जानकारी दी। चीन के दो जे-10 फाइटर जेट्स ने अमेरिकी नौसेना के ईपी एक्स सैनिक विमान का पूर्वी चीन सागर और येलो सी के बीच पीछा किया। अमरीकी नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर मेट नाइट ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है। कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर हमने चीन के सामने यह मुद्दा रखा है।
पहले भी हो चुकी ऐसी घटना…
इससे पहले मई में भी चीन के दो सुखोई सुखोई जेट विमानों ने पूर्वी चीन सागर क्षेत्र के ऊपर अमेरिका के एक निगरानी विमान का इसी तरह पीछा किया था।
दक्षिण चीन सागर पर चीनी दावा
बीजिंग पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र के 90 फीसद से ज्यादा हिस्से पर अपना एकाधिकार बताता है। इस मामले को लेकर चीन और अमेरिका में पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही है। चीन के दावों को चुनौती देने के लिए अमेरिका अमेरिकी पोत जहाज और विमान इलाके में लगातार अपनी मौजूदगी बनाए हुए है। चीन ने कई बार इसपर कड़ी आपत्ति जताई है, लेकिन अमेरिका अपने रुख पर कायम है।