कोलंबिया में जारी पिछले 50 साल से जारी विद्रोही बल ने संघर्ष खत्म करने का समझौता कर लिया है
नई दिल्ली। कोलंबिया सरकार और वामपंथी फार्क (एफएआरसी) विद्रोही बल के बीच 50 साल से जारी संघर्ष समाप्त हो गया है। इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए ऐतिहासिक शांति समझौते हस्ताक्षर किए गए हैं। सालों से जारी इस संघर्ष में लाखों लोग मारे जा चुके हैं। राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस और रेवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (फार्क) के नेता तिमोलियोन तिमोशेन्को जिमेनेज ने कैरेबियाई शहर कार्टाजेना में एक समारोह में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समारोह में संयुक्त राष्ट महासचिव बान की मून समेत कई अंतरराष्ट्रीय गणमान्य हस्तियों और बड़ी संख्या में भाग लिया।
चार साल चली संघर्ष विराम की प्रक्रिया
शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले लैटिन अमरीका के इस सबसे बड़े संघर्ष को खत्म करने के लिए चार साल तक की लंबी प्रक्रिया चली। इस समझौते का अगले सप्ताह जनमत संग्रह में अनुमोदन किया जाएगा। राष्ट्रपति सांतोस ने समझौते पर हस्ताक्षर से पहले ट्विटर पर कहा था कि हम आज कोलंबिया में खुशी की नई भोर का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने इसे हमारे इतिहास में एक नया चरण बताया। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने वास्तविक गोलियों से बनी कलमों से हस्ताक्षर किए।
70 मिनट चले समारोह में 2500 लोगों ने की शिरकत
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी, वेटिकन के विदेश मंत्री पिएत्रो पैरोलिन और क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो समेत लैटिन अमरीकी देशों के प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। 70 मिनट तक चले इस समारोह में करीब 2500 लोगों ने सफेद पोशाक पहनकर शिरकत की। यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद फार्क को आतंकवादी समूहों की अपनी सूची से हटाने का फैसला किया है।
जा चुकी है लाखों लोगों की जान
कोलंबिया के प्राधिकारियों के अनुमान के अनुसार, कोलंबिया एवं फार्क के बीच संघर्ष में 260000 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 45000 लोग लापता हैं। इस संघर्ष में 69 लाख लोग बेघर हो गए। इस समझौते के बाद फार्क अब एक राजनीतिक दल के रूप में सामने आएगा। तिमोशेन्को (57) के इसका नेता बन सकते हैं।