व्हाइट हाउस सचिव ने कहा कि ओबामा को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नरेन्द्र मोदी के रूप में एक प्रभावी वार्ताकार और सहयोगी मिल गया है
वॉशिंगटना। व्हाइट हाउस ने भारत-अमरीका के रिश्ते को लेकर बयान में कहा है कि इसी दृष्टिकोण के साथ अगर दोनों देश रहे तो अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दृष्टिकोण साझा किया है वह मजबूत आर्थिक संबंध बनाने के साथ-साथ दोनों देशों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
दोनों देशों के बीच प्रभावी सहयोग से अर्थव्यवस्था में आएगा सुधार
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बताया कि राष्ट्रपति का मानना है कि दोनों देशों के बीच प्रभावी सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है, रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सकता है। मुझे मालूम है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा से इसी प्रकार के लक्ष्य साझा किये हैं। सचिव ने आगे कहा कि ओबामा को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नरेन्द्र मोदी के रूप में एक प्रभावी वार्ताकार और सहयोगी मिल गया है।
साढ़े सात साल के दौरान हुई प्रगति से खुश हैं ओबामा
प्रेस सचिव ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के शुरूआती साढ़े सात साल के दौरान हुई प्रगति से खुश हैं और अगले पांच महीने भी ऐसे प्रयास करते रहेंगे। गौरतलब है कि अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर अगले हफ्ते दूसरी रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के लिए भारत आएंगे। संभवत: यह भारत और निवर्तमान होने जा रहे ओबामा प्रशासन के बीच अंतिम वार्ता होगी।
इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमरीका में अपने समकक्ष एश्टन कार्टर से मिलने के लिए अमरीका जाएंगे। ओबामा और मोदी की अगले महीने चीन में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग, मुलाकात की संभावना है। हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
अर्नेस्ट ने बताया कि ओबामा ने अमरीका और भारत के संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन लगाये हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओबामा दो मौकों पर भारत गये और मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि उनके दोनों दौरे दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों के बीच राजनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए थे।