scriptअरबों डॉलर की मदद, फिर क्यों पाक में फल-फूल रहा आतंकवाद – भारत | India reply on Pakistani ambassador in United Nations | Patrika News
अमरीका

अरबों डॉलर की मदद, फिर क्यों पाक में फल-फूल रहा आतंकवाद – भारत

ईनम गंभीर ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा  रहेगा और कहा, ऐसा लगता है कि हमारी विदेश मंत्री के संबोधन को पाकिस्तानी ….

Sep 27, 2016 / 02:38 pm

पवन राणा

india pakistan in united nations

india pakistan in united nations

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कल हुए संबोधन पर अपने प्रतिक्रिया के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए जवाब दिया। लोधी ने कहा, पाकिस्तान सुषमा स्वराज के द्वारा लगाए गए सभी निराधार आरोपों को खारिज करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा कभी भी नहीं था और कभी भी नहीं होगा। इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने स्वराज के संबोधन को याद दिलाते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा और कहा, ऐसा लगता है कि हमारी विदेश मंत्री के आज के संबोधन को पाकिस्तानी राजदूत ने गौर से और साफ-साफ नहीं सुना है।

Sushma-Swaraj-UN-1474869039.png” border=”0″>

ध्यान भटकाने के लिए अंजाम उरी हुआ हमला


प्रतिक्रिया के अधिकार में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने दावा किया था कि उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हुआ हमला और खासतौर पर हमले के लिए चुने गए समय से स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं कि इसे कश्मीर में भारत के अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए अंजाम दिया गया है। लोधी ने कहा कि कश्मीर में जारी अशांति का दोष पाकिस्तान पर मढ़ने और अपनी बर्बर हरकतों से ध्यान भटकाने के लिए भारत उरी हमले का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात से भलीभांति अवगत है कि भारत भ्रामक सूचनाओं को फैलाने के अपने सुनियोजित लक्ष्यों को साधने के लिए पहले भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।




असफल राष्ट्र पाकिस्तान

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन पर भारत के प्रतिक्रिया के अधिकार के जरिए कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए गंभीर ने कहा था कि विश्व ने पाकिस्तान की ओर से एक असफल राष्ट्र के विचार सुने है, जो अपने लोगों पर अत्याचार पर अत्याचार किए जा रहा है और दूसरी ओर सहिष्णुता, लोकतंत्र और मानवाधिकार के उपदेश दे रहा है। उन्होंने कहा था, हम इन उपदेशों को सिरे से खारिज करते हैं। गंभीर ने कहा कि पाकिस्तानी राजदूत ने कश्मीर में हालात पर अपने प्रतिक्रिया के अधिकार में काल्पनिक और भ्रामक प्रस्तुतिकरण दिया था जो उनके देश द्वारा लगातार किए जा रहे आतंक के निर्यात से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने की एक और कोशिश है।


Mahila lodhi

अरबों डॉलर की अंतरराष्ट्रीय मदद, फिर क्यों फल-फूल रहा आतंकवाद


गंभीर ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के इन सवालों के जवाब नहीं दे रहा है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए उसे मिलने वाली अरबों डॉलर की अंतरराष्ट्रीय मदद और पाकिस्तानी सेना के बहुप्रचारित आतंक निरोधी अभियानों के बावजूद उसके यहां आतंक की सुरक्षित ठिकाने कैसे फल-फूल रहे हैं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि वे देश की नीति के तौर पर आतंक का निर्यात नहीं कर रहे और छद्म आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं ?

भरोसे को कायम रखने में नाकाम रहा पाकिस्तान

गंभीर ने पूछा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या इस बात से इनकार कर सकते हैं कि पाकिस्तान ने वर्ष 2004 में यह आश्वासन दिया था कि वह अपने इलाकों और अपने नियंत्रण वाले इलाकों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए नहीं होने देगा? पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या इस बात से इनकार कर सकते हैं कि उच्चतम स्तर पर दिए गए इस आश्वासन को, इस भरोसे को कायम रखने में वह नाकाम रहा है। भारत ने सवाल उठाया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधि क्या इस बात से इनकार कर सकते हैं कि उनके देश के सैन्य बलों ने वर्ष 1971 में मानव इतिहास के सबसे ज्यादा जघन्य और बहुत बड़े पैमाने पर नरसंहार को अंजाम दिया था।



पाकिस्तान ने अपने ही लोगों के खिलाफ किया हवाई हमले और तोपों का इस्तेमाल

गंभीर ने कहा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या इस बात से इनकार कर सकते हैं कि उसके सैन्य बलों ने उनके अपने ही लोगों के खिलाफ बार-बार हवाई हमले किए हैं और तोपों का इस्तेमाल किया है। क्या वे यह बता सकते हैं कि ऐसा क्यों हैं कि पाकिस्तान के नागरिक समाज का जैश, लश्कर, सिपह और हरकत जैसे बड़ी संख्या में हथियारबंद लोगों की ओर से मुंह बंद कर दिया जाता है।

पाकिस्तान को अलग-थलग करना भारत का भ्रम

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक रणनीति में शामिल नहीं होने वाले राष्ट्रों को अलग-थलग कर देने के सुषमा स्वराज के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए लोधी ने कहा कि भारत की सरकार अगर ऐसा सोचती है कि वह किसी देश को अलग-थलग कर सकती है तो यह उसका भ्रम है।

Home / world / America / अरबों डॉलर की मदद, फिर क्यों पाक में फल-फूल रहा आतंकवाद – भारत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो