भारतीय मूल के बच्चों ने जीता स्पैलिंग बी कांटेस्ट
Published: May 29, 2015 03:35:00 pm
पिछले साल 2014 में श्रीराम हाथवर और
अनसुन सुजोए को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था
वॉशिंगटन। भारतीय मूल के बच्चों ने शुक्रवार को वार्षिक राष्ट्रीय स्पैलिंग बी कांटेस्ट में अपना दबदबा कायम रखा। वे इस प्रतियोगिता को लगातार आठवीं बार जीतने में कामयाब रहे। वान्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटचलम को सह-विजेता घोषित किया गया। दोनों दूसरी साल यह प्रतियोगिता जीतने में कामयाब रहे।
पिछले साल 2014 में श्रीराम हाथवर और अनसुन सुजोए को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। ओखलामा की रहने वाली भारतीय मूल की कोल शैफर-रे को तीसरा स्थान मिला। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को भारतीय मूल के छात्र पिछले आठ साल से जीतते आ रहे हैं। 16 में से 13 साल इस प्रतियोगिता पर भारतीयों का कब्जा रहा है।
प्रतियोगिता के बाद वान्या ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है। काफी लंबे समय से मैं चाह रही थी कि इस प्रतियोगिता को जीतूं। वान्या ने यह पुरस्कार अपनी दादी को समर्पित किया जिनका पिछले साल अक्टूबर में देहांत हो गया था।
कानसास शहर की रहने वाली 13 वर्षीय वान्या आठवीं कक्षा की छात्रा है। इस साल अंतिम दौर में पहुंचे 49 में से 25 प्रतियोगी भारतीय मूल के छात्र थे। अंतिम 10 में से 7 भारतीय थे।
वान्या की बड़ी बहन काव्या ने वर्ष 2009 में यह प्रतियोगिता जीती थी।
वहीं, सह-विजेता गोकुल वर्ष 2012 में संयुक्त रूप से दसवें स्थान पर रहे थे, जबकि 2013 में वह 19वें स्थान पर रहे थे।