किर्बी के अनुसार, पाक कहता है कि वह आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर भेद नहीं करता, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा
वाशिंगटन। पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। इनमें तब तक सुधार नहीं हो सकता, जब तक पाकिस्तान हमले से जुड़े आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करता। इसलिए आतंकी संगठनों के साथ भेदभाव खत्म करते हुए पाकिस्तान दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध आवश्यक हैं। यह मानना है अमरीकी खुफिया प्रमुख जेम्स क्लैपर का।
खुफिया प्रमुख के अनुसार बीते दिसंबर महीने में हुई बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव कम हुआ था, लेकिन जनवरी में हुए आतंकी हमले में हालात बदल दिए। अब हमले से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की पाकिस्तान की इच्छा पर संबंधों का भविष्य टिका है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी खुफिया प्रमुख के आकलन से सहमति जताई।
किर्बी के अनुसार, पाकिस्तान कहता है कि वह आतंकी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर भेद नहीं करता। लेकिन हम जानते हैं कि वह ऐसा नहीं कर रहा। अमेरिका चाहता है कि दोनों देश बातचीत जारी रखें और उसके जरिए आतंकवाद की समस्या पर काबू पाएं। आतंकवाद दोनों ही देशों के लिए चुनौती है। गौरतलब है कि पठानकोट हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे, जबकि जवाबी कार्रवाई में सभी छह हमलावर आतंकी मारे गए थे।
किर्बी ने कहा कि जो भी देश आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने लोगों और अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए कार्रवाई करें। साथ ही, समाज के लिए खतरनाक ऐसे तत्वों को पनपने से भी रोकें। हाल के वक्त में पाकिस्तान ने आतंकवाद के खात्मे के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन उसे अभी और कदम उठाने की जरूरत है। देखना होगा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए क्या भारत और पाकिस्तान मिलकर कार्य कर सकते हैं।
एक सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव का सीधा असर अफगानिस्तान पर भी पड़ता है। अफगानिस्तान के विकास में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। खासतौर पर वह वहां के लोगों को प्रशिक्षित कर रहा है। पाकिस्तान अपनी सीमा की चौकसी बढ़ाकर अफगानिस्तान को सहयोग दे सकता है।