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कश्मीर: अमरीका ने भारत-पाक को मध्यस्थता से किया था मना

Published: Aug 30, 2015 11:49:00 am

अमरीका का मानना था कि केवल भारत और पाकिस्तान ही शांति और वार्ता के
माध्यम से कश्मीर विवाद को सुलझा सकते हैं

Kashmir protest

Kashmir protest

वॉशिंगटन। कश्मीर पर मध्यस्थता नहीं करने और भारत तथा पाकिस्तान को वार्ता से विवाद को सुलझाने के लिए प्रोत्साहित करने की अमरीकी नीति 1950 के दशक के शुरू में बनी थी। हाल में जारी एक गोपनीय दस्तावेज से इस बात का पता चला है। वर्ष 1954 के एक गुप्त दस्तावेज के मुताबिक अमरीका इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि केवल भारत और पाकिस्तान ही शांति और वार्ता के माध्यम से कश्मीर विवाद को सुलझा सकते हैं। सीआईए ने इस दस्तावेज को जुलाई में सार्वजनिक किया।


यह ऑपरेशन को-ऑर्डिनेशन बोर्ड के पैरा 42 में वर्णित है, जिसे तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति ड्वाईट आईजनहावर ने वर्ष 1954 में तय किया था। दस्तावेज के पैरा 42 में लिखा हुआ है, “भारत को यह साफ किया जाता है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच परस्पर समझौते से ही तय हो सकता है और अमरीका संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य माध्यमों से सहायता करने को इच्छुक है। अमरीका की कोई निहित या गुप्त मंशा नहीं है, जो किसी भी देश का पक्ष लिया जाए।” यह “अमरीका की दक्षिण एशिया नीति” का हिस्सा थी, जिसे आईजनहावर ने छह मार्च 1954 को मंजूरी दी थी। ऑपरेशंस को-ऑर्डिनेटिंग बोर्ड का गठन दक्षिण एशिया में अमेरिका की नीति लागू करने के लिए समन्वय एजेंसी के तौर पर किया गया था।