“लखवी की रिहाई से बिगड़ेंगे भारत और पाकिस्तान के रिश्ते”
Published: Apr 25, 2015 06:30:00 pm
लखवी की रिहाई
से निराशा उत्पन्न हुई थी, लेकिन यह कई भारतीयों के लिए अप्रत्याशित खबर नहीं
थी: राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ
वाशिंगटन। पाकिस्तान द्वारा 2008 के मुंबई हमले के संदिग्ध मास्टमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी की रिहाई से ऎसा लगता है कि भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अमरीका की जो सक्रियता रही है, उसमें व्यवधान पड़ सकता है। यह बात एक राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ ने कही है।
व्हाइटनी कैसल ने एक अखबार में लिखा है कि लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के नेता जकी-उर-रहमान लखवी को जेल से रिहा करने के बाद निकट अवधि में दोनों देशों के बीच सुधरे रिश्ते चरमराने की संभावना है। कैसल ने कहा है, “”अदालत के फैसले से भारतीय नेता नाराज हैं। अमरीकी सरकार ने भी इस फैसले की आलोचना की थी।”” गौरतलब है कि कैसल न्यूयॉर्क में एक निजी खुफिया कंपनी, द अर्किन समूह में रणनीतिक विश्लेषक और जोखिम प्रबंधन विभाग की निदेशक हैं।
उन्होंने लिखा है, “”पाकिस्तान के भारत या अमरीकी के साथ बिगड़ते रिश्ते क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए हानिकारक होंगे। भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में भी यह दोनों देशों में स्थिरता के लिए हानिकारक होगा।”” कैसल के मुताबिक, “”लखवी की रिहाई से निराशा उत्पन्न हुई थी, लेकिन यह कई भारतीयों के लिए अप्रत्याशित खबर नहीं थी।””
दूसरी ओर पाकिस्तानी अधिकारियों ने लखवी की रिहाई की कानूनी वजहें बताई और कहा कि उसे लगातार हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। कैसल ने लिखा है कि चूंकि पाकिस्तान को हाल ही में 95.20 करोड़ डॉलर मूल्य के हेलीकॉप्टर और मिसाइल बिक्री के एक सौदे को मंजूरी दी गई है, लिहाजा यह स्पष्ट है कि अमरीका पाकिस्तान के साथ अपनी आंतकवाद विरोधी साझेदारी में निवेश कर रहा है।
कैसल ने आगे कहा, “”लेकिन लखवी की रिहाई से भारत और अमरीका दोनों देशों में आलोचक अधिक निगरानी रखने और यहां तक कि पाकिस्तान को अमरीकी सैन्य सहायता बंद करने का आह्वान कर रहे हैं।””