script‘उनका आतंकी, मेरा आतंकी नहीं’ की धारणा को छोड़ देंः PM मोदी | Modi in US: Drop the notion that terrorism is someone else's problem, says PM | Patrika News

‘उनका आतंकी, मेरा आतंकी नहीं’ की धारणा को छोड़ देंः PM मोदी

Published: Apr 01, 2016 01:14:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

मोदी ने कहा कि ब्रसेल्स के आतंकी हमले से पता चलता है कि न्यूक्लियर सिक्युरिटी के लिए भी आतंकवाद कितना बड़ा खतरा है

modi in us

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वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक समुदाय से ‘उसका आतंकवादी, मेरा आतंकवादी नहीं है’ जैसे भेदकारी विचारों को त्यागने की अपील की है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में यह स्पष्ट किया कि भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले संगठनों के प्रति पाकिस्तान अलग नजरिया रखता है। मोदी ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि परमाणु हथियारों की तस्करों और आतंकवादियों को सरकार में बैठे लोगों की शह मिली हुई है , जिससे परमाणुु सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।

परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में मोदी ने चेताया
मोदी ने वॉशिंगटन में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए व्हाइट हाउस में कल आयोजित भोज के दौरान कहा कि आतंकवादियों की पहुंच दुनिया के कई हिस्सों में है, जबकि इससे निपटने के लिए विभिन्न देशों के बीच जो सहयोग होना चाहिए वह नदारद है। प्रधानमंत्री ने परमाणु हथियारों की तस्करी और आतंकवाद को बढावा देने में सरकार में शामिल लोगों की शह मिलने के खतरे के प्रति भी आगाह किया।

परमाणु सुरक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिएः मोदी
उन्होंने कहा कि आतंकवादी 21वीं सदी की तकनीक का इस्तेमाल कर रहें हैं जबकि इससे निपटने के हमारे तरीके पुराने हैं। उन्होंने ‘मेरा’ आतंकवाद और ‘उसका’ आतंकवाद के बीच के भेद को भी समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि परमाणु सुरक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए और सभी देशों को इसे मानना चाहिए। मोदी ने परमाणु सुरक्षा के लिए शिखर सम्मेलन की पहल के लिए अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसा करके ओबामा में वैश्विक सुरक्षा के लिए महान कार्य किया है।

आतंकियों को सरकारी शह, बड़ा खतरा
उन्होंने ब्रसेल्स हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इन हमलों ने परमाणु सुरक्षा के प्रति वास्तविक और त्वरित खतरे को पुन रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि हम अब किसी व्यक्ति की गुफा में तलाश नहीं कर रहें है बल्कि हमें शहरों में कम्प्यूटर के सामने बैठे, स्मार्ट फोन लिए आतंकवादी की तलाश है। इसके साथ ही इन नापाक मंसूबों वाले लोगों को सरकारी लोगों की शह मिलना दूसरा बड़ा खतरा है।
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