सरकार ही नहीं बदली है,10 महीने में जनमन बदल गया: मोदी
Published: Apr 16, 2015 08:45:00 am
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहाकि भारत में अब नया विश्वास नजर आ रहा है
टोरंटो। कनाडा यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोरदार स्वागत के बीच टोरंटो के रिको कोलिसियम में भारतीय जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने स्वागत के लिए कनाडा के लोगों का धन्यवाद दिया और कहाकि यह मेरा सम्मान नहीं है बल्कि भारत के सवा सौ करोड़ लोगों का सम्मान है। कनाडा में रहने वाले भारतीयों ने अपनी सफलता से भारत को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहाकि भारत में अब नया विश्वास नजर आ रहा है। इस दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर भी उनके साथ थे।
उन्होंने कहाकि मैं भले तीन दिन के लिए आया हूं लेकिन इस प्यार को कभी भुला नहीं पाऊंगा। दोनों देश स्पेस में एक दूसरे का सहयोग कर रहे है। दोनों मिलकर दुनिया की बहुत बड़ी ताकत बन सकते हैं। कई ऎसी जरूरतें हैं जो दोनों देश आपस में मिलकर पूरी कर सकते हैं। आज जो समझौते हुए हैं उससे दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होेगे। मैं पहले भी टोरंटो आया था उस समय मुझे कोई नहीं जानता था लेकिन तब भी मुझे भरपूर प्यार मिला था। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब भी मुझे कनाडा से सहयोग मिला था।
10 महीने में जनमन भी बदल गया
पीएम मोदी ने भारत में लोकसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहाकि, 10 महीने पहले सरकार बदली थी लेकिन अगले 10 महीने में भारत का जन-मन बदल गया। उन्होंने बॉलीवुड गाने देख तेरे संसार की हालत क्या हो गया भगवान, कितना बदल गया इंसान का उदाहरण भी दिया। जन-धन योजना के बारे में मोदी ने कहाकि, एक समय था जब बैंक अधिकारी आप बैंक जाते तो आपकी ओर देखते तक नहीं थे। इंसान बदल गया बैंक वाले भी बदले। मैं उन्हें बधाई देता हूं कि उन्होंने 100 दिन में 14 करोड़ बैंक खाते खोल दिए।
चतुरंगी क्रांति लाने का सपना
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश में दूसरी श्वेत और हरित क्रांति के अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में केसरिया और पर्यावरण के क्षेत्र में नीली क्रांति लाने का सपना संजोए हुए है। उन्होंने कहा, कहने को हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग है— केसरिया, सफेद और हरा, लेकिन इसमें अशोक चक्र का नीला रंग भी है। हम अपने झंडे के चार रंगों की मानिंद चतुरंगी क्रांति लाने का सपना लेकर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने केसरिया को ऊर्जा का रंग करार देते हुए कहा कि देश में ऊर्जा क्रांति शुरू हो गई है और सरकार परमाणु, बायोमास, सौर ऊर्जा के उत्पादन के साथ—साथ ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयास कर रही है।
अब मेगावॉट नहीं बल्कि गीगावॉट की चर्चा
उन्होंने कहा कि उनकी तीन देशों की यात्रा में दो प्रमुख बातें हुई हैं, पहला फ्रांस परमाणु रिएक्टर देने को तैयार हो गया है और दूसरा कनाडा उसके लिए यूरेनियम उपलब्ध कराएगा। गांधी का देश कभी हमलावर नहीं रहा लेकिन उसे परमाणु रिएक्टर के लिए भीख मांगनी पड़ती है। हमें कोई रिएक्टर नहीं देना चाहता था और उन्हें डर था कि हम कहीं बम ना बना लें। हैरानी की बात है कि जो बम बनाते हैं उन पर ऎसी रोक नहीं। भारत में पहली बार ऊर्जा उत्पादन का जिक्र मेगावॉट में नहीं, बल्कि गीगावॉट में किया जाने लगा है। 2012-13 में भारत सरकार 350 रूपये में एक एलईडी बल्ब खरीदती थी और हम इस बल्ब को 85 रूपये में खरीद रहे हैं।
मंगल मिशन का किया जिक्र
मंगल मिशन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहाकि भारत पहला देश है जो पहले प्रयास में ही मंगल पर पहुंच गया। हमारे मंगल मिशन पर हॉलीवुड फिल्म से भी कम खर्चा आया। इस पर सात रूपये प्रति किलोमीटर का खर्च आया जो कि ऑटोरिक्शा के किराए से भी कम है। हम युवाओं को प्रेरित करना चाहते हैं कि वे ऎसा काम करें जो दुनिया को बदल दें।